गाय के साथ सेल्फी – देश में जबसे बीजेपी की सरकार बनी हैं तब से गाय सुर्खियों में हैं।
कभी गौहत्या के नाम पर लोगों गौ भक्त लोगों के मार डालते हैं तो कभी गौ-तस्करों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा जाता है।
गाय एक बार फिर चर्चा में हैं लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है। सेल्फी लेने के शौकिन लोगों के लिए गौ माता एक सौगात बन सकती है क्योंकि एक अनोखी प्रतियोगिता में गाय के साथ सेल्फी लेने की प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया गया। सुनकर हैरानी हो रही होगी लेकिन ये सच है।
आइए जानते हैं क्या है गाय के साथ सेल्फी का पूरा मांजरा।
पश्चिम बंगाल में गाय के साथ सेल्फी नामक अभियान चलाया।
ये अभियान सरकार ने नहीं बल्कि एक एनजीओ ने शुरु किया। ‘गौ सेवा ट्रस्ट’ नामक एक एनजीओ लोगों को गाय की महिमा समझाने के लिए पिछले कई सालों से इस अभियान का आयोजन करता आ रहा है। मजे की बात तो ये है कि इस प्रतियोगिता में जीतने वाले लोगों को भी गाय के उत्पादों से बनीं चीजें ही उपहार के रूप में दी जाती है। लेकिन एनजीओ ने साफ किया है कि किसी भी तरह का धार्मिक उन्माद फैलाना नहीं है बल्कि लोगों को गाय की महिमा के बारे में बताना है। एनजीओ के सदस्यों का कहना है कि बहुत सारे लोगों को यह पता ही नहीं है कि गाय कैसी होती है और कैसी दिखती है। शहरों में रहने वाले लोगों और बच्चों को गाय को लेकर जानकारी का अभाव होता है। ऐसे में लोगों को गायों के प्रति जागरुक करना ही उनका उद्देश्य है।
इस प्रतियोगिता में जीतने वालों को डिश वाशर, डिसइनफेक्टेंट, गौमूत्र से बने साबुन और गोबर आदि उपहार में दिए जाएगें और साथ ही एक सर्टिफेकेट और मोमेंटो भी दिया जाएगा। गाय के साथ सेल्फी लेकर लोग सोशल नेटवर्किंग साइट जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्वीटर पर #selfiwithcow कैप्शन के साथ अपलोड कर सकते हैं। पिछले साल इस प्रतियोगिता में लगभग 1200 लोगों ने हिस्सा लिया था। आयोजकों को इस साल 4000 लोगों के इस अभियान का हिस्सा बनने का अनुमान है। आयोजकों ने आगे बताया कि इस अभियान के जरिए लोगों को गाय के आर्थिक और औषधिय फायदों से अवगत कराया जाएगा।
इससे पहले भी गाय के साथ सेल्फी लेने की प्रतियोगिता का आयोजन हो चुका है। इससे पहले भी गुजरात में ‘सेल्फी विद सरस्वती’ नामक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमें सरस्वती नामक गाय के साथ सेल्फी की प्रतियोगीता का आयोजन किया गया था। गाय के साथ सेल्फी लेने की प्रतियोगिता में लोग भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
राजनीति से परे अगर देखा जाए तो गाय एक पशु है जिसका सामाजिक महत्व होने के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व भी है। गाय पीने के लिए दूध देती है, ईंधन के लिए गोबर देती है और बीमारियां दूर करने के लिए गौमूत्र देती है।
लेकिन लोगों ने अपने निजी स्वार्थ और देश में हिंदू-मुस्लिम असहिष्णुता फैलाने के लिए एक बेचारे पशु को हथियार बना लिया है। ऐसे में इस तरह की प्रतियोगिताओं को सियासत से परे अगर देखा जाए तो ये ही बेहतर है क्योंकि इस पशु को भी संरक्षण की जरुरत है।