आओ कि कोई ख़्वाब बुनें कल के वास्ते
वरना ये रात आज के संगीन दौर की
डस लेगी जान-ओ-दिल को कुछ ऐसे की जान-ओ-दिल
ता-उम्र फिर न कोई हंसी ख़्वाब बुन सकें
गोया हम से भागती रही ये तेज़-गां उम्र
ख़्वाबों के आसरे पे काटी है तमाम उम्र
-साहिर लुधयानवी
ख़्वाब और सपने भले ही झूठे हो या सच कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन जीने के लिए उम्मीद की तरह सपनें भी जरुरी हैं साहिर लुधयानवी की ये शायरी सपनों की अहमियत को बखूबी बयां करती हैं.
क्यों आते है सपने- सपनों के रहस्य क्या है?
आधुनिक विज्ञान में पाश्चात्य विचारक सिगमंड फ्रायड के अनुसार स्वप्न मानव की दबी हुई इच्छाओं का को व्यक्त करते है, जिनको हमने अपनी जागी आंखो से कभी-कभी विचार किया होता है. स्वप्न हमारी वो इच्छाएं हैं जो किसी भी प्रकार के भय से जाग्रत् अवस्था में पूर्ण नहीं हो पाती हैं और सपनों में साकार होकर हमें मानसिक संतुष्टि व तृप्ति देती है.
कुछ मशहूर व्यकितयों के सपने जो सच हुए-
1. शिवाजी का स्वप्न–
छत्रपति शिवाजी की इष्ट देवी तुलजा भवानी थीं. स्थानीय लोग मानते हैं कि वो खुद शिवाजी के सपने में आई और उन्होंने बीजापुर के सेनापति अफजल से युद्ध करने का आदेश दिया.