आप ने कई बार भगवान जगन्नाथ के बारे सुना होगा.
हो सकता है कई लोगों ने पुरी में भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के दर्शन भी किए हों.
लेकिन क्या आपने इस मूर्ति से जुड़े रहस्य पर कभी गौर किया है. नहीं किया तो चलिए हम बतातें हैं.
हिन्दू धर्म के बेहद पवित्र स्थल और चार धामों में से एक है जगन्नाथ पुरी. यहां स्थित भगवान जगन्नाथ की मूर्ति में एक ऐसा रहस्य छिपा हुआ है जिसके जगजाहिर करने की सख्त मनाही है.
इस रहस्य को कोई देख नहीं पाए इसलिए उड़ीसा सरकार द्वारा पुरी शहर में बिजली तक बंद कर दी जाती है.
आपको बता दें कि जगन्नाथ पुरी की धरती को भगवान विष्णु का स्थल माना जाता है. यहां जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी एक बेहद रहस्यमय कहानी प्रचलित है, जिसके अनुसार मंदिर में मौजूद भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के भीतर स्वयं ब्रह्मा विराजमान हैं. बताया जाता है कि ब्रह्मा कृष्ण के नश्वर शरीर में विराजमान थे और जब कृष्ण की मृत्यु हुई तब पांडवों ने उनके शरीर का दाह-संस्कार कर दिया लेकिन कृष्ण का दिल (पिंड) जलता ही रहा.
ईश्वर के आदेशानुसार पिंड को पांडवों ने जल में प्रवाहित कर दिया. लेकिन जल में जाते ही उस पिंड ने लट्ठे का रूप ले लिया. राजा इन्द्रद्युम्न, जो कि भगवान जगन्नाथ के भक्त थे, को यह लट्ठा मिला और उन्होंने इसे जगन्नाथ की मूर्ति के भीतर स्थापित कर दिया.
उस दिन से लेकर आज तक वह लट्ठा भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के भीतर है.
कहा जाता है कि हर 12 वर्ष के अंतराल के बाद भगवान जगन्नाथ की मूर्ति बदलती है लेकिन यह लट्ठा उसी में रहता है. इस लकड़ी के लट्ठे से जुड़ी एक हैरान करने वाली बात यह भी है कि यह मूर्ति हर 12 साल में एक बार बदलती तो है लेकिन लट्ठे को आज तक कोई नहीं देख पाया है.
यहां तक कि मंदिर के पुजारी भी जो इस मूर्ति को बदलते हैं.
बताया जाता है कि जब मूर्ति को बदला जाता है तो पुजारियों की आंखों पर पट्टी बांध दी जाती है और हाथ पर कपड़ा ढक दिया जाता है. इसलिए वे ना तो उस लट्ठे को देख पाए हैं और ही छूकर महसूस कर पाए हैं.
पुजारियों के अनुसार वह लट्ठा इतना सॉफ्ट होता है मानो कोई खरगोश उनके हाथ में फुदक रहा है
मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति इस मूर्ति के भीतर छिपे ब्रह्मा को देख लेगा तो उसकी मृत्यु हो जाएगी. इसी वजह से जिस दिन जगन्नाथ की मूर्ति बदली जानी होती है, उड़ीसा सरकार द्वारा पूरे शहर की बिजली बाधित कर दी जाती है.
लेकिन यह बात आज तक एक रहस्य ही है कि क्या वाकई भगवान जगन्नाथ की मूर्ति में ब्रह्मा का वास है. कुछ भी हो लेकिन इतना तो तय है कि लोगों की भगवान जगन्नाथ में अटूट आस्था है.