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भारत से मीलों दूर यहां बसा है दूसरा हिंदुस्‍तान, आप भी देखें एक झलक

भारत से मीलों दूर भी एक हिंदुस्‍तान बसा है जहां कई भारतीय रहते हैं। इस देश का नाम सूरीनाम है और इसे आधिकारिक तौर पर सूरीनाम गणराज्‍य कहा जाता है।

इस देश में बड़ी संख्‍या में हिंदू और भारतीय लोग रहते हैं। इस वजह से इस देश को हिंदुस्‍तान कहा जाता है। दक्षिण महाद्वीप के उत्तर में स्थित एक देश है सूरीनाम। ये देश दक्षिण अमेरिका में क्षेत्रफल और आबादी के हिसाब से सबसे छोटा संप्रभु देश है। इस देश को 25 नवंबर, 1975 को आज़ादी मिली थी।

इस देश की आबादी में 37 फीसदी हिस्‍सा हिंदुस्‍तानी और 27.4 फीसदी हिस्‍सा हिंदुओं का है। यहां पर सी आई कार्डों के लिए हर साल 400 के आसपास आवेदन आते हैं।

सूरीनाम की राजधानी पारामारिबो है। इसे कुल दस जिलों में विभाजित किया गया है। यहां पर सबसे ज्‍यादा बोली जाने वाली भाषा डच है। इसके साथ ही यहां पर लोग भोजपुरी या कैरीबियन भाषा भी ज्‍यादा बोली जाती है। इस देश की एक चौथाई जनता हर दिन 2 डॉलर से कम पर अपनी गुज़ारा करती है। इस लिहाज़ से इस देश को गरीब कहा जा सकता है।

सूरीनाम की धरती पर कई प्रसिद्ध फुटबॉल खिलाडियों का जन्‍म हुआ है। 1873 में उत्तर प्रदेश और बिहार से लोग जाकर यहां बस गए और इस समय डच सरकार ने कॉन्‍ट्रैक्‍ट मजदूरों की नियुक्‍ति के लिए ब्रिटेन के साथ समझौता किया था। 1978 में सूरीनाम में भारतीय सांस्‍कृतिक केंद्र खोला गया और यहां पर लोगों को कथक, योग और शास्‍त्रीय संगीत सिखाया जाता था। इसके अलावा यहां हिंदी, लोक नृत्‍य का भी प्रचार-प्रसार हुआ।

सांस्‍कृतिक समानता होने के अलावा सूरीनाम के भारत के साथ आर्थिक संबंध भी हैं। सूरीनाम को किए जाने वाले निर्यातों में बॉयलर, मशीनरी, इस्‍पात, बिजली के उपकरण, औषधीय उत्‍पाद, वाहन, कॉफी, चाय, मसाले, पेपर आदि शामिल हैं।

साल 2014 से 12015 के बीच भारत ने सूरीनाम के साथ 210.887 मिलियन अमेरिकी डॉलर का व्‍यापार किया था और आगे भी इस रिश्‍ते को बरकरार रखा गया है।

ये तो थी एक ऐसे देश की बात जहां पर भारतीय लोग रहते हैं। इसके अलावा दुनिया में कई ऐसे देश और हिस्‍से हैं जहां पर लोग हिंदुओं और भारतीय संस्‍कृति से प्रभावित हैं। दुनियाभर में भारतीय संस्‍कृति से लोग बहुत प्रभावित हैं। यहां तक कि हिंदुओं के कई त्‍योहारों को दूसरे देशों में भी मनाया जाता है।

अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर भी कई बार कहा जा चुका है कि भारतीय संस्‍कृति दुनियाभर के लिए किसी अनमोल उपहार से कम नहीं है। लोग भारतीय उपचार पद्धति, योग और खाने की चीज़ों को अपना रहे हैं। इससे भारतीय शैली का विस्‍तार हो रहा है और यह दुनियाभर में प्रचलित हो रही है। विदेशों में भी भारतीय संस्‍कृति को बेहद गौरवमयी माना जाता है।