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आइंस्‍टाइन जैसे बुद्धिमान लोगों के क्‍यों होते हैं लंबे बाल

बुद्धिमान

बुद्धिमान – शायद आपने इससे पहले गौर नहीं किया होगा कि आइंस्‍टीन, लियोनार्दो, न्‍यूटन, गुरु रवींद्रनाथ टैगोर जैसे महान वैज्ञानिकों के बाल लंबे ही थे। यहां तक कि भारत के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्‍ट्रपति अब्‍दुल कलाम भी लंबे बाल ही रखते थे।

क्‍या आपने कभी सोचा है कि इन सब बुद्धिमान लोगों के बाल लंबे ही क्‍यों रहते थे। तो दोस्‍तों, आज हम आपको इस आर्टिकल के ज़रिए यही बताने जा रहे हैं कि सभी महान वैज्ञानिक और इंटेलिजेंट लोग लंबे बाल क्‍यों रखते थे।

कहानी में छिपा है कारण

प्राचीन कहानियों में बालों में ही मनुष्‍य की ताकत को निहित बताया गया है। आपको दर्जनों ऐसे उदाहरण मिल जाएंगें जहां हमें बड़े बालों वाले बुद्धिमान दिखते हैं। तो क्‍या सच में हमारी ताकत हमारे बालों में होती है।

न्‍यूटन से लेकर आइंस्‍टीन तक, नाटककार शेक्‍सपियर से लेकर दार्शनिक रजनीश तक, चित्रकार लियोनार्दो से लेकी कवि जॉन मिल्‍टन तक, कवि रवींद्रनाथ ठाकुर से लेकर सुमित्रानंद पंत तक और भारत के पूर्व राष्‍ट्रपति एवं वैज्ञानिक से लेकी मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन तक के बाल लंबे थे। हमारे देश में भी बुद्धिमान लोग अधिकतर लंबे बाल ही रखते हैं।

बालों की शक्‍तियां

बाल ना सिर्फ आपके सौंदर्य का प्रतीक होते हैा बल्कि ये आपके बारे में और भी बहुत कुछ कहते हैं। ये किसी ना किसी तरह आपकी प्रकृति, सोच, बुद्धि और बल को प्रभावित करते हैं। बालों की प्रक्रिया तो एक ही है लेकिन इसकी विशेषताएं भौगोलिक और पर्यावरणीय स्थितियों के अनुसार बदलती रहती हैं।

कहते हैं कि सिर के बाल जब पूरी तरह से लंबे हो जाते हैं तो वो प्राकृतिक रूप से फास्‍फोरस, कैल्शियम और विटामिन डी पाते हैं। ये अंतत: मस्तिष्‍क के शीर्ष पर दो नलिकाओं के माध्‍यम से शरीर में प्रवेश करते हैा। इस आयनिक परिवर्तन से स्‍मृति और ज्‍यादा कुशल और मजबूत बनती है। इससे व्‍यक्‍ति को शारीरिक ऊर्जा, बेहतर सहनशक्‍ति और धैर्य की प्राप्‍ति होती है।

वहीं कुछ लोगों का तो यहां तक मानना है कि बालों को काटने से ना सिर्फ आप इनकी अतिरिक्‍त ऊर्जा और पोषण खो देते हैं बल्कि आपके बालों को पुन: विकसित करने के लिए बड़ी मात्रा में महत्‍वपूर्ण ऊर्जा और पोषक तत्‍वों को खर्च करना पड़ता है। बालों को शरीर के एंटीना की संज्ञा दी गई है। ये सूर्य की ऊर्जा को इकट्ठा कर मस्तिष्‍क में पहुंचाते हैं।

अगर आप प्राचीन भारत पर गौर करें तो उस समय में भी ऋषि-मुनि आदि लंबे बाल ही रखा करते थे। वे अपने बालों में गांठ लगाकर रखते थे। सिर के ऊपर बालों की यह गांठ ललाट के चुंबकीय क्षेत्र को सक्रिय कर मस्तिष्‍क के केंद्र में पाइनल ग्रंथि को उत्तेजित करता है। पाइनल ग्रंथि की इस सक्रियता के परिणाम स्‍वरूप एक स्राव होता है जो उच्‍च बौद्धिक कार्यकलाप के विकास के लिए केंद्रित होता है।

बाल आपके शरीर के पूरे विद्युत चुंबकीय क्षेत्र को संतुलित करते हैं जिससे आपको अपनी जीवन शक्‍ति और अंर्तज्ञान बढ़ाने में मदद मिलती है।

अब तो आप समझ गए ना कि लंबे बाल क्‍यों रखे जाते हैं और सच में इनमें हमारी शक्‍तियां निहित होती हैं जो हमें बुद्धिमान बनाती हैं।