सत्ता से जाने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सरकारी योजनाओं से ऐसे चिपके हैं कि छुटाए नहीं छूट रहे हैं.
लिहाजा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कह दिया है कि अखिलेश जहां चिपके है उन्हें वहीं पर चिपके रहने दिया जाए. हटाने की कोशिश न की जाए.
दरअसल, यूपी में चुनाव से पहले अखिलेश यादव की सरकार ने लाखों बैग बनवाए थे जिन पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तस्वीर थी. लेकिन सरकार बदलने के बाद यूपी बेसिक एजुकेशन डिमार्टमेंट उनको बांटा नहीं पाया. तब से लेकर अब तक वे बैग ऐसे ही स्टोर रूम में पड़े हुए थे.
ऐसा इसलिए कि यूपी में सत्ता परिवर्तन हो गया और सपा सरकार के स्थान भाजपा की सरकार आ गई. चूंकि बैगों पर अखिलेश की फोटो के साथ-साथ समाजवादी पार्टी के नारे भी लिखे हुए हैं. इसलिए अधिकारी इनको बांटने से डर रहे थे.
शासन बदलने के बाद अधिकारियों ने सरकार से पूछा था कि इन बैगों का क्या करना है. क्योंकि बैगों पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की फोटों है और अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ है. क्या पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तस्वीर लगे और समाजवादी नारे लिखे बैग बांटे जाए या उनको रोक दिया जाए.
इस पर योगी सरकार ने बहुत ही बुद्धिमत्ता पूर्ण फैसला लिया. क्योंकि बैगों की खरीद हो चुकी थी और उनको अब नहीं बटंवाने का मतलब होता राज्य सरकार के खजाने पर अतिरिक्त बोझ डालना.
इसलिए योगी सरकार ने राजनीति से उपर उठकर फैसला लेते हुए तय किया कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चित्र लगे बैगों को बांटा जाए. इसके लिए विभाग ने पत्र लिखकर डिप्टी डायरेक्टर एजुकेशन (प्राइमरी) से कहा कि पिछली सरकार द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करते हुए बैग बांटने का काम शुरू कर दें.
लेकिन साथ ही पत्र में उन बैगों की हालत जांचने का भी आदेश दिया गया है.
इस प्रकार योगी सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चित्र वाले बैग तो बांटने के आदेश तो दे दिए हैं लेकिन साथ ही उनकी गुणवत्ता जांचने को भी कह दिया गया है.
ज्ञात हो कि यूपी में योगी आदित्य नाथ की सरकार अब तक अखिलेश यादव के दो ड्रीम प्रोजक्ट्स की जांच के आदेश दे चुकी है. इसमें गोमती रिवर फ्रंट और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे की जांच के आदेश दिए जा चुके हैं.
दोनों में कथित घोटाले की बात कही गई है.