भारत की जनसंख्या विश्व में दुसरे पायदान पर है.
इसकी तुलना में शिक्षा और रोजगार के अवसर चिंता जनक है.
किसी भी अच्छे रोजगार की नीव शिक्षा और अनुभव होता है. इन दोनों के बिना कोई इंसान सफल नहीं हो सकता है.
किसी को शिक्षा के अवसर नहीं मिले किंतु अनुभव के रहते वो इंसान सफलता की सीढी चढ ही जाता है.
लेकिन शिक्षा और अनुभव जिसके पास हो उसे अपने लक्ष्य से दूर कोई नहीं कर सकता है.
भारत में ऐसे ढेर सारे बच्चे है जो ज्ञान होने के बावजूद आगे की पढाई नहीं कर पाते. उनको अपनी परिस्थितियों से दो हाथ करते हुए परिवार को चलाने के बारे में सोचना पड़ता है.
ऐसे ही होशियार क्षात्रो के लिए भारत में विदेशी संस्थानों की होड़ लगी है.
क्या होती है स्कॉलरशीप?
दो तरीके के स्कॉलरशीप होते है.
भारत में ऐसे बहुत सारे संस्थान है, जो ऐसे बच्चों की पढाई का खर्च उठाने के लिए आगे आते रहते है. किंतु इसकी जानकारी ना होने के कारण कई बार गुणी छात्रों को स्कॉलरशीप से वंचित रहना पड़ता है.
परिणामस्वरूप वो आगे नहीं बढ़ पाते है.
अब भारतीय संस्थान ही नहीं बल्की विदेशी संस्थान भी स्कॉलरशीप देने के लिए बढ़ चढ़ के आगे आ रहे है.
इस स्कॉलरशीप में कई संस्था छात्रों का पूरा खर्च भी उठाती है. उनको फेलोशिप यानी प्रैक्टिकल सिखाने और कमाने के अवसर प्रदान करते है.
संस्थानों के उदाहरण?
WIT Indian ‘Wicket Scholarship’ २०१५
पिछले महीने इस संस्थान ने जिन छात्रों को स्कॉलरशीप चाहिए उनको आवेदन करने के लिए एक महीने का कालवधी दिया था. जहा पूर्वस्नातक और स्नातक डिग्री के लिए २५% और ५०% की स्कॉलरशीप दी जाने वाली है. यह छात्र विदेश के उनके किसी भी महाविद्यालय में अपनी आगे की पढाई कर सकते है.
एस्टन एमबीए इंडिया स्कॉलरशिप
यह संस्था स्नातकोत्तर (postgradute) करने वाले छात्रों को ५ लाख तक की आर्थिक मदद करेगी. यह छात्र अपने स्नातक में प्रथम श्रेणी का उतीर्ण हो. अगर वह प्रथम श्रेणी में ना हो तो पोस्ट ग्रैजुएट छात्र को तीन वर्षों का अनुभव होना आवश्यक है. आवेदन की आखिरी तारीख 28 जून 2015 है. इस स्कॉलरशिप से संबंधित अधिक जानकारी के लिए छात्र संस्थान के वेबसाइट www.aston.ac.uk/mbaindia लॉग इन कर सकते हैं.
यंग वूमेन इन साइंस स्कॉलरशिप
ये स्कॉलरशिप मेडिकल, इंजिनियरिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, फ़ार्मेसी, जैवप्रौद्योगिकी, तथा बीएससी के लिए है. महिला छात्रों को इस स्कॉलरशिप में २.५ लाख तक की मदद मिलेगी. मिले आवेदनों से गरीब और अव्वल अंक लाने वाली ५० छात्रांए इस अवसर का लाभ ले सकेगी. जानकारी के लिए www.loreal.co.in, fywis@in.loreal.com पर संपर्क करें.
ऐसे अनेक संस्थान है जो गुणी छात्रों को मदद करते है. जिन छात्रों को यह जानकारी अपने स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी से नहीं मिल रही है, वे इन्टरनेट पर ऐसे सभी संस्थानों के बारे में पता कर सकते है.
स्कॉलरशिप लेने से पहले बरतना चाहिए सावधानी
स्कॉलरशिप लेते वक़्त अपने शिक्षकों से एवं परिवार को इस बात का ज्ञान जरुर दे.
भारत में मिलने वाली स्कॉलरशिप में ज्यादा परेशानी नहीं होती है.
विदेश में पढने के लिए दी गई स्कॉलरशिप के वक़्त छात्रों को पासपोर्ट, वीज़ा और रहन सहन का ज्ञान पहले से ही लेना चाहिए.
इस तरह छात्र सतर्क रहकर पढ़ते जायेंगे और अवसर लेते रहेंगे तो अधिक से अधिक गरीब बच्चे पढ़ पायेंगे.
और सही मायने में पढ़ेगा इंडिया और बढेगा इंडिया.
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