संत कैथरीन
इनका जन्म 1844 में फ़्रांस में हुआ था. जन्म के समय से ही वर्जिन मैरी ने इन्हें बहुत बार दर्शन दिए.कैथरीन बहुत ही सेवाभावी थी. उनके जन्म के समय से ही उनके चमत्कारिक होने की बात फैलने लगी थी. 35 वर्ष की आयु में टी बी रोग की वजह से उनकी मृत्यु हो गयी.
मृत्यु के बाद जब उन्हें संत की उपाधि दी गयी और उनके मृत शरीर को निकाला गया तो सब के सब भौचक्के रह गए. उनका मृत शरीर अब तक बिलकुल वैसा ही था जैसा मृत्यु के समय. सीने पर हाथ जोड़े लेती हुई कैथरीन की लाश ऐसे लग रही थी जैसे कि वो प्रार्थना में लीन हो.
आज भी उनका शरीर एक स्वर्ण ताबूत में लोगों के दर्शनार्थ रखा गया है.