शनि महाराज – शनि को ज्योतिष में कर्म, आजीविका, जनता, सेवक, नौकरी, परिश्रम, तकनीकी कार्य, मशीनें, गहन अध्ययन, अध्यात्म, तपस्या, पाचन तंत्र, हड्डियों के जोड़, लोहा, पेट्रोलियम आदि का कारक माना गया है और हाल ही में शनि अपनी राशि बदलने वाले हैं.
ढाई साल बाद बदलते हैं राशि
शनि किसी भी राशि में लगभग ढाई साल तक गोचर करता है. यह अन्य ग्रहों की तरह सप्ताह या मास में नहीं बदलता. शनि एक राशि में सबसे लम्बे समय तक रहने वाला ग्रह है और इसी के चलते शनि को 12 राशियों का चक्र पूरा करने में 30 वर्ष का समय लगता है.
महत्वपूर्ण घटनाएं लेती हैं प्रवेश
शनि जब किसी एक राशि से निकलकर अगली राशि में प्रवेश करता है तो यह ज्योतिष की गणनाओं में सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण घटना होती है। शनि जब एक राशि को छोड़कर दूसरी राशि मे प्रवेश करते हैं तो उसका प्रभाव हर राशि पर पड़ता है. हमारे जीवन में होने वाली बडी घटनाएं या बडे परिवर्तन सामाजिक, राष्ट्रीय, अंर्तराष्ट्रीय और भौगोलिक रूप से होने वाले बडे परिवर्तन या घटनाओ में भी शनि के राशि परिवर्तन की एक बडी महत्वपूर्ण भूमिका होती है.
अगले ढाई साल धनु राशि में रहेंगे शनि महाराज
वैसे तो शनि का धनु राशि में 26 जनवरी 2017 में प्रवेश हो गया था लेकिन वक्री होने के कारण 20 जून 2017 को फिर शनि वृश्चिक राशि में आ गए थे. पूर्ण रूप से शनि महाराज का प्रवेश धनु राशि में अब 1 नवम्बर 2017 को होगा. बृहस्पतिवार को मध्याह्न 3 बजकर 20 मिनट पर शनि धनु राशि में प्रवेश लेंगे. जनवरी 2020 तक शनि धनु राशि में ही गोचर करेंगे.
इस गोचर के बाद वृश्चिक राशि के लोगों को थोड़ी शांति मिलेगी और उनके जीवन में चल रही उठापटक बंद हो जाएगी।
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