वल्लभभाई पटेल की मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनकर तैयार हो गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2018 को उद्घाटन कर दिया है और यह पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। इस दिन पटेल की जयंती होती है और इस कारण ही इस शुभ अवसर पर सरदार पटेल की मूर्ति का अनावरण किया गया।
दुनिया का सबसे ऊंची मूर्ति
आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि यह दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है। इसकी लंबाई 182 मीटर है, यानी 597 फीट।
इससे पहले दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति चीन में थी। इसका मतलब है कि सूसे ऊंची मू्र्ति के रिकॉर्ड में भारत ने चीन को हरा दिया है। इससे पहले चीन में स्थित स्प्रिंग टैंपल बुद्ध दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति थी। इसी मू्र्ति की ऊंचाई 153 मीटर है। वहीं बरमा स्थित लेयक्युन सेत्क्यार दुनिया की तीसरे नम्बर की सबसे ऊंची मूर्ति है। इसकी लंबाई 130 मीटर (427 फीट) है। इसका निर्माण 2008 में हुआ था।
स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से दोगुनी लंबाई
यह जल्द ही पर्यटकों के आकर्षक का केंद्र बनने वाला है क्योंकि इसकी लंबाई अमेरिका स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से दोगुनी है। स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की लंबाई 93 मीटर है।
नर्मदा नदी पर स्थित मूर्ति
यब मूर्ति नर्मदा नदी पर स्थित है। गुजरात में इस मूर्ति का निर्माण नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर किया गया है। यह इतनी अधिक लंबी है कि इसे 7 किलोमीटर की दूरी से भी देखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने किया उद्घाटन
इस मूर्ति का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस प्रतिमा के निर्माण में 2,389 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं और यह पटेल को समर्पित है, जिन्होंने 1947 में बंटवारे के बाद रजवाड़ों में बंटे देश को जोड़ने में अहम भूमिका अदा की थी।
सरदार पटेल के योगदान को किया याद
मूर्ति का उद्घाटन करने के बाद नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल के कार्यों को याद किया। उन्होंने सरदार पटेल द्वारा रियासतों को जोड़ने के कार्यक्रम को याद किया और देश को दिए उनके योगदान के लिए ये मूर्ति समर्पित की।
सरदार पटेल नहीं होते तो चार मीनार देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता
पीएम मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल के कामों को याद करते हुए कहा कि अगर पटेल नहीं होते तो सोमनाथ मंदिर और चार मीनार देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता। मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत “सरदार पटेल अमर रहे” के नारे के साथ की। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश राष्ट्रीय एकता दिवस मना रहा है। देश की एकता और अखंडता के लिए युवा दौड़ रहे हैं। मैं उनके इस जज्बे को मैं नमन करता हूं।
मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत “सरदार पटेल अमर रहे” के नारे के साथ की। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश राष्ट्रीय एकता दिवस मना रहा है। देश की एकता और अखंडता के लिए युवा दौड़ रहे हैं। मैं उनके इस जज्बे को मैं नमन करता हूं।
जब मुख्यमंत्री थे तब सोचा था मू्र्ति के बारे में
सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति बनाने की कल्पना नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए की थी। मोदी ने कहा कि मुझे लोहा अभियान के दौरान लोहे का पहला टुकड़ा भी सौंपा गया है। मैं गुजरात के लोगों के प्रति कृतज्ञ हूं। मैं इन चीजों को यहीं पर छोड़ूंगा, ताकि देश इसे देख सके। उन्होंने कहा कि जब यह कल्पना मन में चल रही थी, तो मैं यहां के पहाड़ों को खोज रहा था।
सरदार वल्लभभाई पटेल के उन महान कार्यों को याद करने हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये सरदार पटेल ही हैं जिनके कारण हम अपने देश में स्वतंत्र होकर घूम पा रहे हैं। नहीं तो अपने देश में भी घूमने के लिए हमें वीजा लेना पड़ता।
जो भी सरादर वल्लभभाई पटेल ने देश को एकजुट और अखंड रखने के लिए काफी काम किया है। इसके लिए उनका कोटी-कोटी धन्यवाद।
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