सरदार पटेल का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था.
वो स्वयं भी खेती किया करते थे. महीने में दो बार वो उपवास रखा करते थे. राजनीति में आने के बाद भी वो उपवास का नियम रखते थे. सरदार पटेल की विशेषता थी कि स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता के रूप में ऊँचा दर्जा प्राप्त करने के बाद भी उनका व्यवहार वैसा ही रहा जैसा उस समय था जब वो अपने गाँव में थे.
उनके मन में सबके लिए सद्भाव की भावना ही रहती थी.