निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती में स्टारकास्ट को लेकर अंतिम फैसला नहीं हुआ है।
तो संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती से पहले जानते हैं, चित्तौड़गढ़ की रानी पद्मावती की कहानी, जिसकी खूबसूरती ने अलाउद्दीन खिलजी को मोहित कर दिया था।
चित्तौड़गढ़ की रानी पद्मावती को पद्मनी का नाम से भी जाना जाता है।
रानी पद्मावती सिंहल द्वीप के राजा गंधर्व सेन और रानी चंपावती की पुत्री थी। माता-पिता ने पद्मावती का विवाह चित्तौड़गढ के राजा रावल रतन सिंह से एक स्वयंवर में करा दिया था।
राजा रावल रतन सिंह के दरबार में एक राघव चेतन संगीतकार था। मगर रतन सिंह को यह पता नहीं था कि राघव एक जादूगर भी है।
एक दिन, जब राघव की इस करनी का पता, रतन सिंह को लगा। फिर रतन सिंह ने राघव को दरबार से अपमानित कर बाहर निकाल दिया।
राघव ने प्रतिशोध में आकर रतनसिंह से बदला लेने के लिए एक रणनीति बनायी।
राघव ने दिल्ली का सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी को रानी पद्मावती की खूबसूरती के बारे में बताया। रानी पद्मावती के बारे मे सुनकर, अलाउद्दीन मोहित हो गया व रानी को पाने में लालायित हो गया। पद्मावती की रूप में लीन अलाउद्दीन ने रानी को अपने हरम में लाने के लिए योजना बनाई।
रानी पद्मावती का रूप का मोहक अलाउद्दीन ने रतन सिंह से मिलने का प्रस्ताव भेजा, रतन सिंह ने सुल्तान का यह न्योता अलाउद्दीन के रोष से बचने हेतु स्वीकार कर लिया था। हालांकि इसके पीछे रतन सिंह को अलाउद्दी की कुनीति के बारे में जानकारी नहीं थी। अलाउद्दीन का प्रस्ताव के रूप में पद्मावती उसके सामने आई मगर अलाउद्दनी के समक्ष पद्मावती दर्पण में लायी गयी। जब अलाउद्दीन ने रूपवती पद्मावती को देखा वह रानी पर मोहित हो गया।
रूपवती पद्मावती पर मोहित अलाउद्दीन ने रतन सिंह को बंदी बना लिया। व रतन सिंह को मुक्त करने की मांग पर रानी पद्मावती को मांगने की इच्छा रखी। मगर, चित्तौड़ गढ़ के योद्धाओं ने एक रणनीति तहत अलाउद्दीन की मांग स्वीकार कर ली। लेकिन जब अलाउद्दीन को रणनीति के बारे मे पता लगा तो सुल्तान ने चित्तौड़ गढ़ पर आक्रमण कर दिया था ।
सुल्तान अलाउद्दीन द्वारा, चित्तौड़ गढ़ पर आक्रमण के बीच महल की सभी स्त्रीयों ने अपनी लज्जा बचाने के लिए अग्निदहन किया।
इस अग्निदहन में रूपवती रानी पद्मावती ने भी अपनी प्राणों की आहूती दे दी। लेकिन, अलाउद्दीन के प्रस्ताव को नही स्वीकारा।
तो यह है रानी पद्मावती की कहानी।