महिलाओं के मासिक धर्म और सैनेटरी पैड के मुद्दे पर बनी अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म ‘पैडमैन’ का दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. लेकिन यह फिल्म रिलीज होने से पहले ही देशभर की महिलाओं पर अपना असर दिखाने लगी है.
खबरों की मानें तो महिलाओं ने देश के प्रधानमंत्री को तोहफे में सैनेटरी नैपकीन भेजने की तैयारी कर ली है वो भी एक या दो नहीं बल्कि पूरे एक हज़ार सैनेटरी पैड और जब आप इसके पीछे की असली वजह जानेंगे तो हैरान हो जाएंगे.
सैनेटरी पैड पर जीएसटी लगाए जाने का विरोध
दरअसल महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान उपयोग में लाए जानेवाले सैनेटरी पैड को भी जीएसटी की दायरे में लाने की वजह से उसकी कीमतें बढ़ गई हैं और सरकार के इस फैसले ने महिलाओं को काफी निराश किया है.
सरकार के इस फैसले के खिलाफ मध्य प्रदेश के ग्वालियर की महिलाओं ने सैनेटरी नैपकीन को जीएसटी मुक्त करने के लिए एक मुहिम की शुरूआत की है. इस मुहिम के अंतर्गत महिलाएं करीब एक हजार सैनेटरी नैपकीन पर हस्ताक्षर और संदेश लिखकर उसे प्रधानमंत्री मोदी को तोहफे के तौर पर भेजने की तैयारी कर रही हैं.
लग्जरी सामान में शामिल है सैनेटरी नैपकीन
सैनेटरी नैपकीन पर लगाए गए जीएसटी के विरोध में ग्वालियर की एक महिला का कहना है कि एक तरफ देश के प्रधानमंत्री मोदी स्वच्छता अभियान चला रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ पीरियड्स के दौरान उपयोग में आनेवाले सैनेटरी नैपकीन को लग्जरी सामान की सूचि में शामिल कर दिया है.
उस महिला के अनुसार किशोरियों से लेकर 40 साल की उम्र तक की महिलाओं को हर महीने 4-5 दिनों के लिए सैनेटरी नैपकीन की जरूरत पड़ती है.
सैनेटरी नैपकीन पर पड़ी महंगाई की मार
सैनेटरी नैपकीन पर लगाए गए जीएसटी का विरोध करनेवाली महिलाओं का मानना है कि एक तो पहले से ही मंहगाई के चलते कई महिलाएं सैनेटरी नैपकीन नहीं खरीद पाती थीं और अब जीएसटी लगाए जाने के बाद से यह और भी महंगा हो गया है.
सैनेटरी नैपकीन पर पड़ी इस महंगाई की मार के चलते अब मध्यम वर्ग की महिलाएं भी इसका उपयोग नहीं कर पाएंगी और गरीब परिवार की महिलाएं तो इसे खरीदने के बारे में सोच भी नहीं सकती.
यहां तक कि कई महिलाओं ने सैनेटरी नैपकीन महंगा होने के बाद से इसका उपयोग करना ही बंद कर दिया है. वो फटे-पुराने कपड़े के टुकड़े से काम चला लेती हैं. हालांकि इससे संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है.
भेजे जाएंगे पीएम मोदी को 1 हज़ार सैनेटरी नैपकीन
ग्वालियर से शुरू किए गए इस अभियान के जरिए किशोरियों, युवतियों और महिलाओं से सैनेटरी नैपकीन पर उनके नाम व संदेश लिखवाए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस अभियान का पहला चरण 5 मार्च तक चलेगा.
इस अभियान में महिलाओं के हस्ताक्षर और संदेश युक्त करीब एक हज़ार सैनेटरी नैपकीन प्रधानमंत्री मोदी को भेजे जाएंगे और इसपर लगे 12 फीसदी जीएसटी समेत दूसरे करों को खत्म करने की मांग की जाएगी. इसके साथ ही सरकार से मांग की जाएगी कि हर महिला को सैनेटरी नैपकीन निशुल्क दिया जाना चाहिए ताकि स्वच्छता को बढ़ावा मिल सके.
बताया जा रहा है कि इस मुहिम के तहत पांच मार्च को एक हज़ार नैपकीन प्रधानमंत्री को पोस्टकार्ड के साथ भेजे जाएंगे. जबकि दूसरे चरण में एक लाख और तीसरे चरण में पांच लाख नैपकीन भेजे जाएंगे.
गौरतलब है कि इस देशव्यापी अभियान में मध्य प्रदेश के अलावा बिहार, महाराष्ट्र सहित अन्य प्रदेशों की महिलाएं भी शामिल हो रही हैं और इस अभियान से जुड़कर हर महिला पीएम तक अपनी बात पहुंचाना चाहती है.
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