सैन फ्रांसिस्को – हमारे देश में युवा अक्सर ही गरीबी का रोना रोते नजर आते हैं। कॉलेज की पढ़ाई के लिए वो दूसरे शहर में चले जाते हैं।
इस दौरान कुछ जॉब करते हैं तो कुछ नहीं करते हैं। मगर पैसों का रोना तो दोनों ही रोते हैं। बैचलर्स की लाइफ में कड़की का दौर कभी खत्म ही नहीं होता। घर से पैसे ना मंगवाओ को फूटपाथ पर रहने की नौबत तक आ जाती है। वो भी इसलिए कि शुरूआत में 10-15 हजार रुपए/महीने की सैलरी ही नसीब होती है।
अब जरा सोचिए, जिसे महीने में 1 लाख रुपए भी मिल जाए तो क्या वो खुद को/ गरीब बोलेगा? नहीं ना। मगर एक ऐसा देश है, जहां कोई व्यक्ति 50 लाख रुपए/वर्ष कमा लेता है तो भी वो ‘गरीब’ कहलाता है। अरे! ये बिल्कुल सही बात है। आप पूरा मामला तो समझिए –
अमेरिका का शहर सैन फ्रांसिस्को
सैन फ्रांसिस्को, यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका के कैलिफोर्निया स्टेट के सबसे बड़े व मशहूर शहरों में से एक है। यह कैलिफोर्निया का चौथा व अमेरिका का 13 वां सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य है। सैन फ्रांसिस्को पॉपुलर टूरिस्ट डेस्टिनेशन भी है।
टेक हब सैन फ्रांसिस्को
1990 में इंटरनेट आने के बाद से आईटी इंडस्ट्री में खतरनाक बूम आया था। आज भी इस इंडस्ट्री में बहुत पैसा बनता है। सैन फ्रांसिस्को में आईटी व टेक्नोलॉजी सेक्टर में ढेरों कंपनियां काम रही हैं, जिससे शहर में काम करने वाले अच्छा पैसा कमा लेते हैं।
डॉक्टर कमाते हैं सबसे ज्यादा
सैन फ्रांसिस्को भले ही टेक हब हो। मगर यहां डॉक्टर्स सबसे ज्यादा कमाते हैं। यहां डॉक्टरों की औसत आय 1 करोड़ 32 लाख रुपए से अधिक, सरकारी कर्मचारियों की औसत आय 1 करोड़ 15 लाख रुपए व सॉफ्टवेयर डेवलपर की औसत आय इनसे कम महज 80 लाख रुपए के करीब होती है।
बता दे कि 2008-2016 के दरमियान सैन फ्रांसिस्को में जॉब करने वाले 25-64 वर्ष की उम्र के लोगों की आय में 26% की बढ़ोतरी हुई है। जो अन्य शहरों की तुलना में बहुत ज्यादा है।
लाखों कमाने वाला गरीब
हाल ही में अमेरिका के आवासीय व शहरी विकास मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार सैन फ्रांसिस्को, सैन मोटियो व इनके आस-पास रहने वाले किसी परिवार में यदि 4 लोग है और वो 80 लाख रुपए कमा रहे हैं तो इसे ‘लौ इनकम’ माना जाता है।
इतना ही नहीं यदि कोई परिवार 50 लाख रुपए कमा रहा है तो वो ‘गरीब’ कहलाता है।
खर्चा कमाई से कई ज्यादा
दरअसल सैन फ्रांसिस्को में 80 लाख को कम आय इसलिए माना जाता है, क्योकि यहां का रहन-सहन बहुत महंगा है।
यहां के रहवासियों को अपनी लाइफस्टाइल पर देश के औसत के मुकाबले 25% ज्यादा पैसे लुटाने पड़ते हैं। सबसे अधिक खर्च सिर पर छत के लिए खर्च होते हैं। शहर में 2 बीएचके के फ्लैट के लिए हर महीने 2 लाख रुपए से भी ज्यादा खर्च होते हैं, जो कि 2008 तक 1 लाख के करीब हुआ करते थे।
बता दे कि यहां बेघरों की संख्या भी अन्य शहरों की तुलना में अधिक है। यहां भले ही 80 लाख कमाने वाले को गरीब माना जाने लगा हो। बावजूद इसके उन्हें सरकार की ओर से किराया भत्ता या किसी तरह ही सहायता नहीं दी जाती है।
इन आकड़ों को देखकर आप समझ ही गए होंगे कि सैन फ्रांसिस्को में 80 लाख कमाने वाले को गरीब क्यों माना जाता है। हालांकि फिर भी अन्य देशों के लोग समृद्ध संस्कृति व मौसम की ओर आकर्षित हो ही जाते हैं।
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