इस विषय में जब पुरातत्व विभाग ने इसकी गहरराई नापनी चाही तो ज्ञात हुआ कि यह कुआँ 105 फीट गहरा हैं. चूँकि उस काल में कोई भी कुआँ 20 फीट से ज्यादा गहरा नही होता था इसलिए यह सोचने की बात हैं कि सामान्य गहरायी से 5 गुना अधिक गहराई की क्या आवश्यकता थी. इसी के बाद से इस कुएं को ‘अगम कुएं’ का नाम दिया गया. यहाँ अगम का अर्थ “पाताल से जुड़ा हुआ” होता हैं.
कहते हैं कि इस कुएं में श्रंखलाबद्ध तरीके से 9 और छोटे कुएं हैं और इन 9 कुएं के बाद सम्राट अशोक का ख़जाना रहता हैं. कहते हैं कि यह कुआँ कुम्हरार से जुड़ा हुआ हैं और इसी सुरंग की सहायता से सम्राट का यह ख़जाना यहाँ पहुचाया गया था.