नमक के प्रकार – खाने में नमक कम हो जाए तो खाना बेस्वाद हो जाता है और अगर खाने में नमक ज्यादा हो जाता है तो खाने का स्वाद कसैला हो जाता है।
इसलिए नमक हमेशा उचित मात्रा में ही सब्जी में डालनी चाहिए। क्योंकि नमक की थोड़ी सी भी कम-अधिक मात्रा पूरे खाने का स्वाद बिगाड़ देती है। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि बिना नमक के काम चल जाता है। क्योंकि बिना नमक के खाना फीका हो जाता है और वैसे भी इंसान नमक के बिना नहीं रह सकता है। क्योंकि इंसान के शरीर में नमक की मात्रा थोड़ी सी भी कम जाने से उसे बीपी लो की समस्या हो जाती है और अधिक हो जाने से बीपी हाई की शिकायत हो जाती है।
इन बीमारियों से बचने के लिए नमक उचित मात्रा में लेना चाहिए।
तो आप समझ सकते हैं कि नमक हमारे जिंदगी के लिए कितना जरूरी है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि नमक के प्रकार कितने है ? नमक भी कई तरह के होते हैं जिसमें से पांच तरह के नमक प्रमुख होते हैं।
नमक के प्रकार –
खाने में इस्तेमाल होने वाला सादा नमक
जैसा कि नाम से जाहिर है, यह एक साधारण नमक है। लेकिन यही एक नमक है जिसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इस नमक में सोडियम की मात्रा सबसे अधिक होती है। यह नमक हमारे बॉडी और शरीर के लिए कफी जरुरी होता है लेकिन सीमित मात्रा में। यदि सीमित मात्रा में नमक का सेवन किया जाता है, तो इससे बहुत सारे लाभ होते हैं, लेकिन इसका अधिक इस्तेमाल करने से हमारी हड्डियों पर आशर पड़ता है और वे कमजोर हो जाती हैं।
समुद्री नमक
यह नमक सुमद्र से प्राप्त किया जाता है। इसे इंगलिश में सी साल्ट कहते हैं। यह समुद्र से सीधे प्राप्त होता है और यह नमक का सबसे पहला वाला रुप होता है। इसमें किसी तरह के रिफाइन तत्वों का यूज़ नहीं किया जाता है। इस नमक को आप खाने में इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं क्योंकि यह सादे नमक की तरह नमकीन नहीं होता है। इसको डायरेक्ट इस्तेमाल करने से कई सारी बीमारियां से हमें आराम मिलता है। यह हमारी स्किन और हेल्थ के लिए फायदेमंद है। समुद्री नमक का इस्तेमाल कब्ज, पेट फूलने, सूजन, थकान, आंत संबंधी रोगों जैसी समस्याओं के लिए किया जाता है।
सलाद में इस्तेमाल होने वाला काला नमक
काले नमक के बारे में तो आपको मालूम ही होगा। इसका इस्तेमाल फल और सब्जियों के सलाद में किया जाता है। इसके अलावा नींबू पानी बनाने में इसका इस्तेमाल विशेष तौर पर किया जाता है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि इसके इस्तेमाल से कब्ज, बदहजमी, पेट दर्द, चक्कर आना, जैसी समस्याओं का इलाज किया जा सकता है। इसमें फ्लोराइड की मात्रा अधिक होती है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैँ। लेकिन इसका इस्तेमाल भी सीमित मात्रा में करना चाहिए। नहीं तो यह भी नुकसान पहुंचा सकता है।
लो-सोडियम सॉल्टम
यह नमक मार्केट में पोटेशियम नमक के नाम से बिकता है। सादे नमक की तरह इस नमक में भी सोडियम और पोटेशियम क्लोयराइड होते हैं। इस नमक को डॉक्टर की सलाह पर इस्तेमाल किया जाता है। यह नमक डॉक्टर्स उन मरीजों को खाने की सलाह देते हैं जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है। इसके साथ ही यह दिल के मरीजों और डायबिटीज के मरीजों को भी फायदा पहुंचाता है।
व्रत का सेंधा नमक
इस नमक को व्रत में यूज़ किया जाता है। इसलिए इसे व्रत वाला नमक कहते हैं। इस नमक में सादे नमक की तुलना में बहुत ज्यादा कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम पाया जाता है। लेकिन इसमें आयोडीन नहीं होता है जो सादे नमक में होता है। इस कारण ही यह नमक इतना फायदेमंद होने के बावजूद भी खाने में इस्तेमाल नहीं किया जाता है। क्योंकि आयोडीन की कमी से घेंघा रोग हो जाता है जो केवन हमें नमक से प्राप्त होता है।
ये है नमक के प्रकार – तो यह है वे पांच तरह के नमक जो हमारे लिए जरूरी होते हैं और इनका इस्तेमाल आपने खाने या सौंदर्य को निखारने में किया गया है।
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