धर्म और भाग्य

समुद्र का पानी आखिर इतना खारा क्यों होता है, जानिए इसके पीछे की ये पौराणिक कथा !

समुद्र का पानी खारा – हिंदू धर्म के कई शास्त्रों में इस बात का वर्णन मिलता है कि भगवान विष्णु क्षीरसागर यानी दूध के सागर में शेषनाग की शैया पर विराजमान होते हैं. लेकिन असल में देखा जाए तो हर तरफ विशाल समंदर नजर आते हैं पर वो दूध के नहीं बल्कि खारे पानी के हैं. ऐसे में मन में यह सवाल उठता है कि शास्त्रों में जिस क्षीरसागर का वर्णन मिलता है वो असल में है भी या नहीं.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाराजा पृथु के पुत्रों ने जब समुद्रों का निर्माण किया था तो सातों समुद्र मीठे और दूध जैसे द्रव्यों के थे. लेकिन वर्तमान में दुनियाभर में जितने भी समंदर हैं वो सभी खारे पानी के हैं. आखिर समुद्र का पानी खारा क्यों होता है इसके पीछे एक पौराणिक कथा छुपी हुई है जिसे आप जरूर जानना चाहेंगे.

समुद्र का पानी खारा क्यों ?

हिमालय पुत्री देवी पार्वती ने की थी घोर तपस्या

पौराणिक कथा के अनुसार हिमालय की पुत्री देवी उमा यानी पार्वती ने भगवान शिव को पति रुप में पाने के लिए घोऱ तपस्या आरंभ की. माता पार्वती के कठोर तप से तीनों लोक कांपने लगे. जिससे कुपित होकर सभी देवताओं ने आपस में विचार विमर्श किया. लेकिन समुद्र देवता माता पार्वती की सुंदरता को देखकर उनपर मोहित हो चुके थे इसलिए इस विचार विमर्श के दौरान अपनी भावनाओं में वशीभूत होकर उन्होंने भगवान शिव के बारे में खूब-भला बुरा कहा.

माता पार्वती से विवाह करना चाहते थे समुद्र देवता

कहा जाता है कि भगवान शिव और बाकी देवताओं ने समुद्र देवता के इस कृत्य के लिए उन्हें क्षमा कर दिया. लेकिन इससे उनका साहस और भी बढ़ गया.

माता पार्वती के लिए अपनी भावनाओं में वशीभूत होकर जब समुद्र देव सीधा देवी उमा यानी माता पार्वती के पास पहुंचे और उनके सामने स्वयं से विवाह करने का प्रस्ताव रखा. तब माता पार्वती ने उनसे कहा कि वो मन ही मन भगवान शिव को अपना पति मान चुकी हैं इसलिए वो किसी और से विवाह नहीं कर सकती. ऐसा कहकर माता पार्वती ने समुद्र देवता के विवाह प्रस्ताव को ठुकरा दिया.

माता पार्वती ने दिया था समुद्र देवता को श्राप

माता पार्वती द्वारा विवाह प्रस्ताव ठुकराए जाने के बाद समुद्र देवता के क्रोध की कोई सीमा न रही और उन्होंने घमंड में चूर होकर भगवान शिव के बारे में बहुत ही बुरा भला कहा. समुद्र देवता ने माता पार्वती से कहा कि उस श्मशान निवासी अघोरी में ऐसा क्या है जो मुझमें नहीं है.

उस भस्मधारी से विवाह करके तुम्हे कैलाश पर भूत पिशाचों के बीच में रहना पड़ेगा. अभी भी समय है अपना फैसला बदल लो और मुझसे विवाह कर के मेरे साथ मेरे महल में रानी की तरह निवास करो. समुद्र देवता ने माता पार्वती से कहा कि मेरे समुद्र दूध और मीठे जल से भरे हुए हैं इसलिए मैं तुम्हारा पति बनने का अधिकारी हूं. समुद्र देवता के इन कठोर वचनों को सुनकर आहत हुई माता पार्वती मे समुद्र देवता को श्राप देते हुए कहा कि जिस मीठे जल और दूध पर इतना अभिमान है वो जल खारा हो जाएगा.

बहरहाल इस पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि माता पार्वती के श्राप के चलते ही क्षीरसागर का मीठा जल और दूध खारे जल में बदल गया और समुद्र का पानी खारा हो गया.

Anita Ram

Share
Published by
Anita Ram

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago