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सालासर हनुमान : दाढ़ी और मूंछ वाले रूप में होती है यहाँ हनुमान की पूजा

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सालासर हनुमान  का मंदिर देश में अपनी तरह का अनूठा ही मंदिर है. इस तरह की हनुमान प्रतिमा देश के और किसी भी मंदिर में नहीं है. यहाँ मंदिर में अक्सर लोग 50 किलो मात्र में प्रसाद चढ़ाते है जिसे स्थानीय भाषा में सवामणी कहा जाता है.

सालासर हनुमान जी की मान्यता का ये असर है कि ना सिर्फ चुरू या उसके आसपास के इलाके के लोग बल्कि हरियाणा, पंजाब जैसे दूर दूर के राज्यों से भी लोग इन मेलों के समय पैदल यात्रा करके मंदिर आते है.

आखिर कुछ तो चमत्कार है इस मंदिर में तभी तो चिलचिलाती धुप में लोग सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल तय करके अपने इष्ट द्व के दर्शन करने आते है.

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