आखिर क्या यह महज एक संयोग है या इसके पीछे पाकिस्तानी सेना की कोई सुनियोजित साजिश.
जब जब भारतीय बिजनेस टायकून सज्जन जिंदल और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुलाकात होती है भारतीय सेना के ऊपर पाकिस्तानी की ओर से हमला होता है.
क्या भारतीय सेना के ऊपर हमलों का इन दो लोगों की मुलाकत से कोई संबंध है. ऐसा इसलिए क्योंकि हाल ही पाकिस्तान की पीर पंजाल रेंज के पास मुर्री शहर एक रिजॉर्ट में भारतीय बिजनेस टायकून सज्जन जिंदल और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुलाकात हुई थी. उसके कुछ दिन बाद ही बॉर्डर पर शहीद भारतीय सैनिकों के साथ पाकिस्तान की सेना बर्बरता की.
इसके पहले जब ये दोनों लोग मिले थे तो उस वक्त पठानकोट हमला हुआ था. गौरतलब है कि पिछले साल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक पाकिस्तान के लाहौर में जाकर हर किसी को हैरान कर दिया था तो उनके दौरे के दो सप्ताह बाद ही पठानकोट सैन्य ठिकाने पर हमला हुआ था.
गौरतलब हो कि सज्जन जिंदल ही वही शख्स है जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने ही 2014 में नेपाल में हुई दक्षेस देशों की बैठक से इतर मोदी और शरीफ के बीच गोपनीय बैठक का इंतजाम करवाया था.
इतना ही नहीं, शरीफ के जन्मदिन 25 दिसंबर, 2015 को जब मोदी अचानक प्रोटोकॉल तोड़ते हुए लाहौर पहुंच गए थे, तब भी जिंदल वहां मौजूद थे.
कहा जाता है कि मोदी और शरीफ की मुलाकात के पीछे जिंदल की ही भूमिका थी.
कई विशेषज्ञों का मानना है कि जब भी भारत-पाक के बीच बातचीत होने वाली होती है, तो उससे ठीक पहले हमले, आतंकी साजिश या ऐसी घटनाएं सामने आती हैं और बातचीत नहीं हो पाती. इसी तरह 1999 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के लाहौर डिक्लेरेशन साइन करने बाद ही कारगिल युद्ध छिड़ गया.
कहा जाता है कि पाकिस्तानी सेना नहीं चाहती कि पाकिस्तान के भारत के साथ संबंध बेहतर हो. इसकी पुष्टि पाकिस्तान के प्रमुख अखबार द डॉन की एक रिपोर्ट से भी होती है जिसके अनुसार इस समय सरकार और सेना के बीच तनातनी की खबरें आ रही हैं.
ज्ञात हो कि जिस दिन जिंदल ने रावलपिंडी के मूरी में शरीफ और उनकी बेटी से मुलाकात की और उसी दिन पाकिस्तान में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबावाले ने पाकिस्तान की अदालत द्वारा जासूसी के आरोप में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सुनाए गए मृत्युदंड के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की.
यह याचिका जाधव की मां की ओर से दायर की गई है. जाधव की मां ने अपने बेटे की रिहाई के लिए सरकार से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है.
कहा जाता है कि जैसे ही इसकी भनक पाकिस्तानी सेना को लगी उसने तुरंत ही सीमा पर कृष्णा घाटी में भारतीय सैनिकों पर धोखे से हमलाकर न केवल उनकी हत्या कर दी बल्कि उनके सिर भी काट दिए.
ताकि भारतीय स्टील कारोबारी सज्जन जिंदल और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच कुलभूषण जाधव को लेकर कोई समझौता न होने पाए.
बता दें कि भारतीय कारोबारी सज्जन जिंदल के इस दौरे से पाकिस्तान में अटकलों का बाजार गर्म है. वहा कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या जिंदल पाकिस्तान की सरकार के लिए भारत से कोई संदेश लेकर आए थे, या उनके माध्यम से जाधव को बचाने के लिए परोक्ष रूप से कूटनीति की जा रही है.
गौरतलब है कि भारतीय व्यापारी सज्जन जिंदल और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के व्यापारिक रिश्ते जगजाहिर है. पाक सेना को लगता है कि नवाज अपने व्यापारिक हितों को साधने के लिए भारत से दोस्ती की पींगे बढ़ा रहे हैं.
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