नदी के तट और उसके आसपास बनाये जाने की वजह से इन शिवलिंग का चारों पहर जलाभिषेक स्वयं शलमाला नदी द्वारा किया जाता है.इस अनूठे स्थान के दर्शन करने और पूजा अर्चना करने हर साल लाखों श्रद्धालु यहाँ आते है.
शिवरात्रि के समय और श्रावण मास में यहाँ देशभर से लोग आते है और भगवान शिव की पूजा अर्चना करते है. इस प्रकार का ये स्थान पूरी दुनिया में अनूठा है. यहाँ बने शिवलिंग चट्टानों से ही बनाये गए है, इन्हें कहीं बाहर से लाकर स्थापित नहीं किया गया है.
इस स्थान पर जाने के लिए सबसे अच्छा समय नवम्बर से मार्च के बीच रहता है. हुबली से यहाँ रेल या सडक मार्ग द्वारा आना सबसे आसान रहता है.