एक ड्रायवर के बेटे सादिक खान बन चुके है लन्दन के पहले मुस्लिम मेयर.
शुक्रवार रात लेबर पार्टी के उम्मीदवार सादिक खान ने कंजर्वेटिव पार्टी के जैक गोल्डस्मिथ को हरा दिया, जो कि पिछले 8 सालो से लन्दन के मेयर के कुर्सी पर अपना सिक्का जमा रखे थे.
आपको बतादे कि सादिक खान के पिता लन्दन के लाल बस में ड्रायवर का काम करते थे और उनकी माँ दर्ज़ी का काम करती थी.
सादिक खान के बारे में कुछ जानकारी
सादिक खान वैसे तो पाकिस्तानी मूल के निवासी है पर उनका जन्म लन्दन में ही हुआ है.
1970 में लंदन में जन्मे खान के सात भाई और एक बहन हैं. वे टूटिंग में पले-बढे. 24 साल की उम्र तक उन्होंने बेहद गरीब हालात में ज़िंदगी गुजर बसर की. सादिक के एक भाई मोटर मैकेनिक हैं. सादिक ने बॉक्सिंग भी सीखी हैं और उनके दो भाई बॉक्सर है. सादिक कई बार लंदन मैराथन में हिस्सा ले चुके हैं. 15 साल की उम्र में ही लेबर पार्टी के मेंबर बने और ह्यूमनराइट्स लॉयर के तौर पर करियर की शुरुआत की. 2005 में लेबर पार्टी की ओर से सांसदी लड़ने का मौका मिला जिसमे उन्हें जीत हासिल हुई. साजित तत्कालीन केंद्र सरकार में पहले मुसलमान मंत्री भी बनाए गए.
सादिक खान के कट्टरपंथियों से रिश्ते
सादिक खान, नेशन ऑफ इस्लाम ग्रुप के लीडर बाबर अहमद काे रिप्रेजेंट करते थे. अहमद ने तालिबान को सपोर्ट करने की बात कबूली थी, इस वजह से अहमद को अमेरिका की जेल में डाल दिया गया और अक्सर सादिक पर भी कट्टरपंथियों से रिश्ते रखने के आरोप लगते रहते है.
मोदी विरोधी है सादिक .
सादिक खान शुरू से ही भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधी रहे है. लंदन में उन्हें मोदी विरोधी इमेज के नाम से जाना जाता है. मोदी जब यूके गए थे, तब सादिक ने उनकी अगवानी के प्रोग्राम में हिस्सा नहीं लिया था और उनका विरोध किया था. मज़े की बात तो ये है कि सादिक के विरोध में चुनाव लढ रही पार्टी के उमीदवार गोल्डस्मिथ ने इस इलेक्शन में मोदी कार्ड खेला, ताकि लंदन के सिख और इंडिया के एनआरई वोटरों के वोट हासिल कर सके.
देखा गया है कि मुस्लिम समुदाय के देशो को छोड़ कर बाकी ज्यादातर देश, मुस्लिमो पर कम विश्वाश करता है.
ऐसे में लन्दन का एक मुस्लिम नेता को मेयर बनाने का फैसला राजनीती है या कुछ और?
ये समझ पाना मुश्किल है.