उत्तरप्रदेश में फिलहाल चुनाव का माहौल है और वहां कि सत्तरूढ़ समाजवादी पार्टी की उठा-पटक ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खिंचा है।
फ़िलहाल पूरे देश की नज़र यूपी चुनाव पर टिकी है क्योंकि राजनितिक दृष्टि से चुनाव हर पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है।
आपको बता दें कि ये मुकाबला अब पूरी तरह त्रिकोणीय बन चूका है, क्योंकि इसमें बहुजन समाज पार्टी, भरतीय जनता पार्टी और सपा-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है।
हालाँकि आज हम उत्तरप्रदेश के चुनाव की बात नही करेंगे, क्योंकि चुनाव के नतीजे कुछ दिनों के बाद सभी के सामने आने ही वाले है। ऐसे में आज हम उत्तरप्रदेश की प्रमुख सियासी पार्टी सपा के बारे में बात करने जा रहे है।
आपको बता दें कि पिछले दिनों जिस तरह से समाजवादी पार्टी के नेताओं ने ड्रामा किया है इससे पहले देश की राजनीति में शायद ही पहले ऐसा हुआ हो। हालाँकि इस ड्रामे को लोग पूरी तरह राजनितिक मान रहे है। आपको बता दें कि सपा सुप्रीमों मुलायम ने अपने पद से अचानक इस्तिफा देकर सबको हैरान कर दिया था।
इस बाप-बेटे की लड़ाई की वजह लोग सीधे तौर पर मुलायम की दूसरी पत्नि साधना से जोड़कर देख रहे है।
समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम और साधना की प्रेम कहानी किसी फिल्म की स्टोरी से कम नहीं है।
दरअसल बात 1982 की है, जब मुलायम सिंह यादव लोकदल के अध्यक्ष बने थे। उस वक्त साधना पार्टी में एक कार्यकर्ता की हैसियत से काम कर रही थी. बेहद खुबसूरत और तीखे नैन नक्श वाली साधना पर जब नेताजी की नज़र पड़ी तो वे देखते ही रह गए। कहा जाता है कि पहली ही मुलाक़ात में नेताजी अपने से लगभग 20 साल छोटी साधना को अपना दिल दे बैठे थे।
हालाँकि मुलायम पहले से ही शादीशुदा थे और साधना भी किसी की पत्नी थी।
साधना की शादी फर्रुखाबाद में छोटे से व्यापारी चन्द्रप्रकाश गुप्ता से हुई थी, लेकिन बाद में साधना अपने पति से अलग हो गई और इस तरह शुरुआत हुई मुलायम और साधना की प्रेम कहानी की।
बताया जाता है कि उस समय मुलायम और साधना की प्रेम कहानी के बारे में अमर सिंह के अलावा और कोई नहीं जनता था। लेकिन साल 1988 में साधना ने पुत्र प्रतिक को जन्म दिया जिस वजह से लोग धीरे-धीरे मुलायम और साधना के रिश्ते के बारे में बाते करने लगे थे। हलांकि इस बात का पता मुलायम की पहली पत्नी मालती देवी को भी चल चूका था।
ऐसे में मुलायम पर इस रिश्ते को सार्वजनिक करने का दवाब बढ़ने लगा और 2003 में अपनी पहली पत्नी मालती देवी बिमारी की वजह से मृत्यु के 4 साल बाद 2007 में मुलायम ने दुनिया के सामने स्वीकार कर लिया कि साधना उनकी पत्नी है और प्रतीक उन्ही का बेटा है।
ये है मुलायम और साधना की प्रेम कहानी. ऐसा कहा जाता है कि साधना को पत्नी और प्रतीक को बेटे का दर्जा दिलवाने में अमरसिंह ने प्रमुख भूमिका निभाई थी।
अब देखना ये है कि समाजवादी पार्टी के बीच की ये उठा-पटक चुनाव में क्या नतीजा लेकर आती है।
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