ENG | HINDI

इस इंजीनियर को अपने नाम की वजह से नहीं मिल रही है नौकरी !

सद्दाम हुसैन

हर किसी का सपना होता है कि पढ़-लिखकर अच्छी नौकरी लगे और अपना और अपने परिवार का नाम रोशन करे।

कुछ ऐसा ही सपना इस 25 साल के लड़के का भी था। उसने इंजीनियरिंग की डिग्री ली और जब नौकरी के लिए इंटरव्यू देने गया तो उसे फ़ैल कर दिया गया। उसे एक दो बार नहीं बल्कि पूरे 40 बार फैल कर दिया गया और वजह बताई गई उसका नाम।

जी हाँ झारखंड के इस शख्स को 40 बार सिर्फ इसलिए रिजेक्ट कर दिया गया क्योंकि उसका नाम सद्दाम हुसैन है।

ये कहानी है झारखंड के एक 25 साल के मरीन इंजीनियर की है।

झारखंड के जमशेदपुर में रहने वाला एक शख्स जिसका नाम पूर्व इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन के नाम पर रखा गया है और इस नाम का खामियाजा इसे अब भुगतना पड़ रहा है। हालाँकि इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन को फांसी की सजा हुए करीब 11 साल हो चुके है। लेकिन भारत के झारखंड में रहने वाला सद्दाम हुसैन इसकी कीमत अब तक चूका रहा है।

हर लड़के की तरह सद्दाम का भी सपना था कि इंजीनियर बने, लेकिन इस वेचारे का सपना तो तब धराशायी हो गया जब उसको सिर्फ उसके नाम की वजह से 40 बार नौकरी देने से मना कर दिया गया। हालाँकि अंग्रेजी की स्पेलिंग में उसके नाम और तानाशाह सद्दाम हुसैन के नाम में अंतर है।

सद्दाम ने नाम के आधार पर भेदभाव किये जाने को लेकर अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक सद्दाम हुसैन जमशेदपुर का रहने वाला है और उसने तमिलनाडु की नुरुल इस्लाम यूनिवर्सिटी से मरीन इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है।

परिवार के लोगों का कहना है कि दादा ने सद्दाम हुसैन नाम रखा था और ये कहा था ये लड़का दुनिया में बड़ा नाम करेगा लेकिन उसको क्या पता था कि यही नाम उसके लिए मुसीबत बन जायेगा।

जबकि सद्दाम के बैचमेट नौकरी पा चुके है, लेकिन सद्दाम को अपने नाम की वजह से नौकरी नहीं मिल पा रही है।

हालाँकि शुरू में सद्दाम हुसैन को लगा कि उसमें टेलेंट की कमी है जिस वजह से उसे रिजेक्ट किया जा रहा है। लेकिन जब उसने कई रिजेक्शन होने के बाद पड़ताल कि तो उसे बताया गया कि उसके नाम की वजह से उसे नौकरी नहीं दी जा रही है। अब सद्दाम ने अपने नाम को बदलने के लिए झारखंड की एक कोर्ट में याचिका दायर की है जिसकी सुनवाई आगामी 5 मई को होगी।

Article Categories:
कैरियर