सचिन ने कहा कि अगर उस दिन वो ट्रेन दूसरी पटरी की जगह उस पटरी पर आती जिसके पास वो और उनके दोस्त खड़े थे तो शायद आज सचिन अपनी बात कहने के लिए जिंदा नहीं होते.
सचिन ने लोगों से अपील की, कि पांच मिनिट की देरी हो जाए तो चलता है जल्दी के चक्कर में जान नहीं जानी चाहिए.
देखा आपने एक छोटी सी भूल के चक्कर में हम सचिन जैसे महान खिलाडी को खो देते. सचिन तो बाख गए लेकिन इस तरह जल्दबाजी के चक्कर में पटरियां पार करते समय हर रोज़ कोई ना कोई तेज़ रफ़्तार ट्रेन की चपेट में आकर या तो घायल हो जाता है या फिर अपनी जान गँवा देता है.