सचिन की बल्लेबाजी – क्रिकेट की बात हो और सचिन तेंदुलकर का नाम ना आए, ऐसा तो हो ही नहीं सकता।
क्रिकेट जगत में सचिन को भगवान की उपाधि दी गई है और शायद किसी हद तक ये सही भी क्योंकि सचिन ने इतने बढिया रिकॉर्ड बनाए हैं कि उन्हें तोड़ पाना किसी के बस में नहीं है।
दुनियाभर के क्रिकेटर्स सचिन की बल्लेबाजी का लोहा मानते हैं और आज जो क्रिकेटर्स मैदान में चमक रहे हैं वो भी सचिन को ही अपनी इंस्पिरेशन मानते हैं।
आज हम आपको सचिन की बल्लेबाजी और सचिन के क्रिकेट करियर की एक ऐसी ही पारी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने विपक्षी टीम के सभी खिलाडियों के छक्केछुडा दिए थे। तो चलिए जानते हैं सचिनतेंदलकर की जिंदगी का एक ऐसा किस्सा जिसके बारे में बहुत कम जानते हैं लेकिन उनके हर फैन को इसके बारे में पता होना चाहिए।
पाकिस्तानी गेंदबाजों के छुड़ाए छक्के
साल 2003 में विश्व कप के आखिरी लीग मैच में सचिन ने 98 रनों की पारी खेली थी।
दक्षिण अफ्रीका के सेंचुरियन में पाकिस्तान की गेंदबाजी की सचिन ने धज्जियां उड़ाकर रख दी थीं। इसे सचिन के 24 साल के क्रिकेट करियर में सबसे बेहतरीन पारियों में से एक माना जाता है। इस पारी के साथ सचिन ने अपने वनडे करियर के 12000 रनों को भी पूरा कर लिया था। इस मैच में सचिन की पारी की वजह से भारत ने पाकिस्तान से 6 विकेट झटक लिए थे। इस पारी पाकिस्तान के बड़े-बड़े गेंदबाजों के भी सचिन के बल्ले के आगे पसीने छूट गए थे।
सचिन की बल्लेबाजी के सामने शोएब अख्तर हुए फेल
उस जमाने में शोएब अख्तर को पाकिस्तानी क्रिकेट टीम का बेहतरीन गेंदबाज माना जाता था और उनके आगे अच्छे-अच्छे बैट्समैन के भी पसीने छूट जाते थे लेकिन इस मैच में तो उल्टा ही हुआ था। दरअसल, इस वर्ल्ड कप के दौरान सचिन की बल्लेबाजी थी और शोएब को बॉलिंग करनी थी। शोएब ऐसी बॉलिंग करते हैं कि सामने वाला खिलाड़ी संभाल ही ना पाए और आउट हो जाए। लेकिन सचिन के मामले में इसका उल्टा हुआ। सचिन ने शोएक की गेंदबाजी पर छक्के और चौक्कों की बहार लगा दी और इस तरह पाकिस्तान के तेज गेंदबाज़ शोएब अख्तर की धज्जियां उड़ गईं।
सचिन को यूं ही क्रिकेट के भगवान का दर्जा नहीं मिला है बल्कि इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है। सचिन के करियर में ऐसे कई मौके आए जब उनके दम पर भारत को जीत का मुकाम हासिल हुआ। आज के बड़े से बड़ा और नये से नया क्रिकेटर सचिन के बल्ले को सलाम करता है।
आपको बता दें कि साल 2003 में होने वाले वर्ल्ड कप में पाकिस्तान को हराकर इंडिया फाइनल तक पहुंचा था और फाइनल में उसकी टक्करऑस्ट्रेलिया से थी। फाइनल मैच में भले ही इंडिया ऑस्ट्रेलिया को मात नहीं दे पाया हो लेकिन भारत के प्रदर्शन से क्रिकेट प्रेमी और देश की जनता पूरी तरह से संतुष्ट थी।
सचिन की बल्लेबाजी – भले ही उस साल हमें विश्व कप ना मिला हो लेकिन फाइनल्स तक पहुंचकर भारत ने ये तो साबित कर ही दिया कि भारत में प्रतिभा और हौंसले की कोई कमी नहीं है और सचिन को देखकर ये बात चरितार्थ भी होती है।