ऋषभ संघवी खामगांव के मेधावी इंजिनियर की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गयी.
महाराष्ट्र के खामगांव के एक व्यवसायी परिवार से होने के बाद भी 23 वर्षीय ऋषभ के सपने कुछ अलग थे.
देश के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज IIT खडगपुर से इंजिनियर बनने के बाद ऋषभ ने कुछ समय तक एक कम्पनी में भी काम किया.
कॉलेज के समय से ही ऋषभ एक जिंदादिल और अच्छा इंसान होने के साथ साथ पढने में भी बहुत तेज़ था. ऋषभ की खासियत थी कि वो नयी नयी चीज़ें सीखने को हमेशा तत्पर रहता था और कुछ नया विचार आने पर उसे आजमाने का रिस्क लेने से भी नहीं घबराता था.
नौकरी करते करते ही ऋषभ के मन में एक स्टार्ट अप का विचार आया. अपने साथियों के साथ मिलकर उसने इस विचार को मूर्तरूप देने का कार्य करना शुरू किया.
ऋषभ के साथियों के अनुसार ये स्टार्टअप भारत में स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति ला सकता था. कल गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के मौके पर ऋषभ और उसके साथी इस स्टार्ट अप की वेबसाइट लांच करने वाले थे.
लेकिन कहते है ना कि होनी को कौन टाल सकता है?
कल रविवार के दिन ऋषभ और उसके कुछ साथी बंगलौर से करीब 360 किलोमीटर दूर प्रसिद्द पर्यटन स्थल हम्पी में घुमने के लिए गए.
किसे पता था कि छुट्टी के दिन सैर सपाटे पर गया ऋषभ फिर कभी लौटेगा ही नहीं.
पिकनिक स्थल पर ऋषभ की पानी में डूबने से मृत्यु हो गयी. ऋषभ की उम्र केवल 23 साल की थी. जब ये दुखद खबर खामगांव पहुंची तो वहां शोक की लहर दौड़ गयी.
एक बारगी तो किसी को यकीन नहीं हुआ कि उन्होंने अपना होनहार पुत्र एक हादसे में खो दिया है.
फेसबुक पर भी जब ऋषभ के साथियों को पता चला तो उन्हें भी इस दुर्घटना पर विश्वास नहीं हुआ.
कल ऋषभ अपनी जिन्दगी की एक नई शुरुआत करने वाला था लेकिन एक भूल की वजह से शुरुआत से पहले ही अंत आ गया.
ऋषभ के रूप में एक होनहार चला गया और ये ऐसा पहला हादसा नहीं था जिसमे सैर सपाटा करने गए युवा हादसे का शिकार हो गए हो. इस प्रकार की घटनाएँ होती रहती है हमें समझने की ज़रूरत है कि मौज मस्ती अपनी जगह है लेकिन जान से बढ़कर कुछ नहीं है.
ईश्वर ऋषभ संघवी की आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिवार वालों को दुःख की इस घडी में संबल दे.