डॉलर की कीमत दिन पर दिन बढ़ रही है। पिछले दिनों रूपया डॉलर के मुकाबले गिरकर 71 रुपये पर आ पहुंचा। यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट थी जिसके कारण बाजार भी धड़ाम से गिर गया।
31 अगस्त 2018 को यह गिरावट दर्ज की गई है। इससे एक दिन पहले गुरुवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 70.95 रुपये पर खुला और 70.74 पर बंद हुआ था। अगले दिन ही बाजार रुपया खुलते ही 71 रुपये के स्तर पर चला गया। मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, माह के अंत में तेल आयातकों की तरफ से अमेरिकी करेंसी की मजबूत मांग, चीन-अमेरिका के बीच व्यापार तनाव के साथ ब्याज दर बढ़ने की उम्मीद में विश्व की अन्य प्रमुख मुद्रा की तुलना में डालर के मजबूत होने से घरेलू मुद्रा पर असर पड़ा है।
बढती हुई डॉलर की कीमत –
यह असर दूर तक दिखने वाला है और इसका देश में व्यापक असर दिखने वाला है। रुपया गिरने से महंगाई बढ़ती है। लेकिन अभी फिलहाल ऐसा कुछ असर नहीं दिखेगा। क्योंकि अर्थव्यवस्था अंडर कंट्रोल है।
भारतीय अर्थव्यवस्था अंडर कंट्रोल
वर्तमान में डॉलर की बढ़ती कीमत के कारण भारत का राजकोषीय और चालू खाता घाटा लगातार बढ़ रहा है। लेकिन फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था अंडर कंट्रोल है। भारत चालू खाते की भरपाई पोर्टपोलियो निवेश और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के जरिए करता है लेकिन इस समय स्थिति अलग है। अभी तो भारत की मौलिक आर्थिक स्थिति ठोस हैं और विदेशी मुद्रा भंडार भी अच्छी स्थिति में है। जिसके कारण महंगाई नियंत्रण में रहेगी। लेकिन डॉलर पर निर्भरता अधिक है। इसलिए अगर डॉलर अधिक ऊपर उठता है तो महंगाई शायद बढ़ जाएगी।
तुर्की और अर्जेंटीना की मुद्रा भी कमजोर
डॉलर की बढ़ती कीमत का असर केवल भारत पर ही नहीं बल्कि अन्य देशों पर भी बढ़ रहा है। अन्य देशों में तुर्की और अर्जेंटीना शीर्ष पर हैं। अर्जेंटीना के पेसो और तुर्की के लिरा में क्रमश: 40 फीसदी और 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। राष्ट्रपति तैयब एर्दोगन के फिर सत्तासीन होने के बाद तुर्की पर खास नजरें होंगी।
अर्जेंटीना ने ब्याज दर की 60%
गिरती अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए अर्जेंटीना ने ब्याज दर 60% कर दी है। यह दुनिया की सबसे ज्यादा ब्याज दर है। बीते गुरुवार को जब डॉलर की कीमत चढ़ रही थी तो अर्जेंटीना के केंद्रीय बैंक ने बेंचमार्क इंटरेस्ट रेट 0.15 फीसदी बढ़ा दी। इससे वहां की ब्याज दर बढ़कर 60 फीसदी हो गई है। यह दुनिया में सबसे ज्यादा ब्याज दर है। अर्जेंटीना ने यह कदम वहां की मुद्रा पेसो में गिरावट आने पर उठाया है।
अब देखना है कि इंडिया पर इसका क्या असर होता है। उम्मीद तो हर किसी को यह है कि इंडिया इस तुफान से सही सलामत निकल जाएगा।