राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस का मिशन कश्मीर इन दिनों एक बार फिर चर्चा में हैं.
आपको बता दें कश्मीर देश और दुनिया के लिए भले ही विवादास्पद हो लेकिन वह हमेशा ही आरएसएस के एजेंडे में रहा है.
यही कारण है कि जब जब केंद्र में भाजपा की सरकार बनी है तब तब संघ ने कश्मीर एजेंडे को वरीयता दी है. बताया जाता है कि मिशन कश्मीर उसके एजेंडे में आज भी सबसे ऊपर है. लेकिन इस बार कश्मीर को लेकर संघ की रणनीति और तेवर बदले हुए हैं.
आरएसएस अब खुद को कश्मीर के मुस्लिम लोगों से जोड़ रहा है. इसके लिए उसने मुस्लिमों में पैंठ बनाने का जिम्मा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच को सौंपा हुआ है. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच आरएसएस के निर्देशन में काम करने वाला मंच है, जिसको संघ के इंद्रेश कुमार ने तैयार किया है. यही मुस्लिम राष्ट्रीय मंच इन दिनों कश्मीरी मुस्लिम युवाओं को राष्ट्रीय धारा से जोड़ने के लिए जम्मू कश्मीर ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों में रहने वाले कश्मीरियों को भी जोड़ने के लिए कार्यक्रम चला रहा है.
ऐसा ही एक कार्यक्रम 8 जनवरी को राजधानी दिल्ली में हुआ.
कश्मीर के मुस्लिम युवाओं को सही राह पर लाने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने दिल्ली में एक सम्मेलन आयोजित किया. संघ का कहना है कि इससे पहले कश्मीर के युवा आतंकवादियों या अलगावादियों की बहकावे में आए उससे पहले ही हमे उनसे संपर्क कर भटकने से रोकना होगा. संघ इस प्रकार के प्रयासों में कश्मीर घाटी में काफी पहले से लगा हुआ है. पहले ये सब छोटे स्तर पर होता था और मीडिया भी इस ओर कोई तवज्जों नहीं देता था. लेकिन हाल में कश्मीर में आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में जिस प्रकार का माहौल पैदा हुआ उसको देखते हुए संघ ने भी अपनी सक्रियता तेज कर दी है.
संघ के इस मिशन कश्मीर की गंभीरता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जम्मू से आने वाले और प्रधानमंत्री कार्यालय से संबंधित मंत्री जितेंद्र सिंह भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए.
हाल में दिल्ली और देश के अन्य शहरों में कश्मीर और अनुच्छेद 370 को लेकर कई सेमिनार हुए हैं. इन कार्यक्रमों की सबसे बड़ी सफलता यह है कि इसमें कश्मीर से आने वाले युवक बड़ी तादाद में शामिल हो रहे हैं. दिल्ली के कश्मीर युवा सम्मेंलन में भी हजारों कश्मीरी छात्रों ने भाग लिया.
एक ओर ये खबर जहां देश को सुकून देने वाली है कि कश्मीर का युवा आज भी देश से जुड़ने में अपनी रूचि रखता है तो वहीं इस सेमिनार की सफलता से कश्मीर घाटी के अलगावादियों और आतंकवादियों की नींद उड़ी हुई है. वे इसे समाज को तोड़ने की कवायद बता रहे हैं.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय मुस्लिम मंच काफी समय से घाटी के मुस्लिमों में हम हिंदुस्तानी और कश्मीर हिंदुस्तान का नाम से एक अभियान चलाए हुए हैं. इसके तहत संगठन के लोग राष्ट्रवादी मुस्लिमों से संपर्क कर उन्हें इस अभियान से जोड़ते हैं और बाद में वे लोग मस्जिदों में प्रार्थनाओं और व्याख्यानों के माध्यम से उनके बीच अपनी रखते हैं.
इस प्रकार आरएसएस और राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के इस अभियान से घाटी के युवाओं को देश से साथ जोड़ने के लिए प्रयास कर रहे हैं.