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भारत के राजघराने जो उनकी बेशुमार दौलत से आज भी जाने जाते है !

पुराने समय में दरबार लगने और राजतिलक की बातें होती थी.

लेकिन आज के आधुनिक दौर में राजा का दरबार हर जगह देखने को नहीं मिलता, फिरभी भारत में कुछ ऐसी जगह आज भी है जहाँ राजवंशीय और मुग़ल राज की झलक दिखाई देती है.

तो आइये जानते है इसमें कौन कौन से भारत के राजघराने शामिल है

जयपुर राजघरानें  की महारानी गायत्री देवी जो अरबो की संपत्ति की मालकिन  है. 199२ में  कोर्ट ने इनकी सम्पत्ति पर रिसीवर नियुक्त कर रखा है.

भोपाल का पटौडी रियासत के वारिस अभी सैफअली खान है. इनकी संपत्ति  5 हज़ार करोड़ है.

ग्वालियर का सिंधिया राजवंश – यहाँ आज भी सिंधिया वंशज की रियासत चल रही है. परन्तु  सिंधिया राजवंश शुरू से विवादित रहा है. कभी गद्दारी के लिए तो कभी अवैध जमीन बिक्री के लिए विवाद में रहा है.

मेवाड़ राजवंश, जो संपत्ति से ज्यादा अपनी विंटेज कारों के लिए प्रसिद्ध है. उदयपुर सिटी महल में रखी अरविन्द सिंह की विंटेज कारें मेवाड़ राजघराने की पहचान आज भी बनी हुई है. यह कारें पर्यटकों के आकर्षण का कारण है. यह राजवंश को महाराणा प्रताप के वंशज व 76वे संरक्षक है. इनका राजकीय ठाठ और बेसुमार दौलत अभी भी चर्चित है.

डोंगर राजवंश का नाम  इतिहास के सुनहरे पन्नो में नाम दर्ज है. इस वंश के महाराज गुलाब सिंह ने भारत से अफगानिस्तान तक अपनी रियासत फैलाई थी. इनके वंशज हरीसिंह द्वारा लन्दन की अंग्रेजी सरकार को फटकार पड़ चुकी है. यह राजवंश भी अपनी बेसुमार संपत्ति के कारण जाने जाते है.

डूंगरपुर रियासत के महाराज रावल उदयसिंह ने मेवाड़ के राणा सांगा की तरफ से प्रथम खानवा युद्ध में बाबर की सेना को मात देते हुए वीरगति प्राप्त की थी. इनके वंशज में नागेन्द्र सिंह अन्तराष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष होने के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त और राष्ट्रपति के निजी सचिव रह चुके है.

धौलपुर राजघराना की महरानी वसुंधरा राजे का भी राजवंशीय ठाठ आज भी है. वसुंधरा राजे धौलपुर रियासत की महारानी कहलाती है और राजस्थान की मुख्यमंत्री भी है.

मैसूर राजवंश वाडियार राजघराने का महल आकर्षण का केंद्र है. इस राजघराने द्वारा पहली बार लकड़ी के महल का निर्माण किया गया था, जो बाद में जल गया. इस राजवंश की संपत्ति लगभग 80 हजार करोड़ है.

यह सभी भारत के राजघराने है. जहाँ आज भी दरबार लगते हैं और राज गद्दी की परम्परा चली आ रही हैं. यह सभी भारत के राजघराने अलग अलग वजह और खासियत के कारण चर्चा में हैं.

Dr. Sarita Chandra

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