रोहित शर्मा आजकल भारतीय टीम में छाए हुए हैं. कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में में उन्होंने टीम की कमान बेहद अच्छे से संभाली और श्रीलंका का टी-2- सीरीज़ के तीसरे और अखिरी मैच में 5 विकेट से सफाया कर दिया.
रोहित शर्मा ने अपनी कप्तानी का भी सबूत दिया कि आखिर क्यों उन्हें टी-20 का सफल कप्तान कहा जाता है. रोहित ने ना केवल टीम की कप्तानी संभालते हुए श्रीलंका को मात दी बल्कि अपने बल्ले से भी गजब का प्रदर्शन दिखाया.
टी20 सीरीज़ की जीत के बाद भारतीय टीम के कोच रवि शास्त्री ने भी कहा कि “हम टी-20 क्रिकेट को ज्यादा सीरियस नहीं लेते हैं. हमारा मिशन साल 2019 की वर्ल्ड कप ट्रॉफी घर लाने का है. अगर हमे इस चीज़ में सफल होना है तो रोहित शर्मा को हमेशा के लिए टी-20 का कप्तान बनाना बेहतर रहेगा. रवि शास्त्री ने इसके तीन बड़े कारण बताए. जोकि साफ तौर से जाहिर करते हैं कि रोहित शर्मा टी-20 क्रिकेट के लिए विराट से बेहतर विकल्प रहेंगें.
ऐसा करने से खुद विराट को होगा फायदा
रवि शास्त्री का कहना है कि विराट कोहली बेहद बेहतरीन तरीके से अबतक भारत की तीनों टीमों का प्रतिनिधित्व करते आएं हैं और उनकी कप्तानी में आज तक भारत किसी भी द्विपक्षीय सीरीज़ में नहीं हारा है. लेकिन जैसे-जैसे टीम आगे बढ़ेगी वैसे ही कप्तान विराट कोहली पर प्रैशर भी बढ़ेगा, टीम को आगे कई विदेशी दौरों में भाग लेना है. यदि टीम के प्रदर्शन में थोड़ा भी परिवर्तन आता है तो सीधा दबाव कोहली पर पड़ना तय है. जिस कारण उनके खुद के प्रदर्शन पर तो असर पड़ेगा ही साथ ही टीम की कप्तानी पर भी गहरा फर्क आएगा. तो अगर टी-20 टीम की कमान रोहित को संभालने को दे दी जाए तो विराट पर से काफी तनाव कम हो जाएगा.
आईपीएल का सबसे सफल कप्तान
ये तो हम सभी जानते हैं कि आईपीएल का प्रदर्शन खिलाडियों को भारतीय टीम में जगह दिलाने के लिए अहम भूमिका निभाता है. भारतीय टीम के चयनकर्ता इस लीग पर खास गौर करते हैं कि कौन-सा खिलाडी कैसा परफॉर्म करता है.
आईपीएल में रोहित शर्मा मुंबई इंडियन की कमान संभाले हुए हैं. रोहित ने ये कमान साल 2013 से संभाली हुई है और आपको बता देंकि तब से लेकर अब तक रोहित मुंबई इंडियन को तीन बार विजेता बना चुके हैं. उन्होंने अपनी कप्तानी में टीम को 66 में से 40 मैच जिताए हैं जोकि एक बेहतरीन आंकडा है. तो अगर इस लिहाज़ से देखा जाए तो रोहित टीम इंडिया को टी-20 में वर्ल्ड कप जिताने के लिए सक्षम विकल्प रहेंगे.
कभी हार ना मानना
रोहित की कप्तानी में पहला मैच धर्मशाला में हुआ था जोकि भारतीय टीम एकदिवसीय सीरीज़ का पहला मैच हार गई थी. लेकिन रोहित ने इस हार से एक बहुत बडा सबक सीखा और अगले ही मैच में सभी जिम्मेदारियों को अपने कंधों पर उठाते हुए 218 रन बना दिए. इस के बाद अपने दूसरे मैच में भी उन्होंने अपने विकेट की कीमत समझते हुए शानदार पारी खेली और केवल 35 गेंदो में शतक लगाकर दिखाया.
अगर देखा जाए तो धोनी के बाद विराट को कप्तानी का मौका मिला था, उसी तरह अब विराट की जगह रोहित शर्मा को भी मौका दिया जाना चाहिए।