प्रथा के कारण – वैसे तो भारत में ही कई जातियों को लेकर कई अजीबो-गरीब परम्पराएं हैं जिनमे से कई के बारे में हम जानते हैं तो कुछ से हम बेहद परे हैं.
लेकिन आज हम आपको किसी भारतीय परंपरा के बारे में नहीं बल्कि एक विदेशी परंपरा के बारे में बताएंगे जिस के बारे में आप जानकर हैरान हो जाएंगे. दरअसल आज हम आपको एक ऐसी परंपरा के बारे में बताएंगे जो अविश्वसनीय है. यह एक जनजाति की परंपरा है कि यदि किसी परिवार में से किसी पुरुष की मृत्यु हो जाती है तो उनके परिवार कि महिलाओं का एक ऐसा महत्वपूर्ण अंग काट दिया जाता है जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते.
यह अंग महिलाओं की रजामंदी के साथ नहीं बल्कि परिवार के किसी सदस्य द्वारा जबरदस्ती काटा जाता है.
यह जनजाति इंडोनेशिया के पश्चिमी न्यू गिनी में रहती है, इस जनजाति के लोग पुराने रीतिरिवाजो को आज भी मानते हैं. उन्होंने अपने पूर्वजों द्वारा बनाए व्यर्थ नियमों को आज तक नहीं बदला जिसे इस जनजाति कि आज की महिलाओं तक को झेलना पड़ रहा है.
दरअसल इस जनजाति में परंपरा है की जब कभी किसी परिवार का कोई पुरुष मर जाता है तो उस परिवार की महिलाओं की अंगुली काट दी जाती है. इस जनजाति के लोगों का मानना है कि महिलाओं की अंगुली काटने से होने वाले दर्द से मरनेवाले व्यक्ति की आत्मा को शांति मिलती है.
अब भई कोई ये बताए कि क्या किसी मरे हुए व्यक्ति की शांति के लिए किसी की जीती जागती शांति को खत्म कर दिया जाए.
किसी व्यक्ति के मर जाने के बाद उस परिवार की महिलाओं की अंगुली यू ही आसानी से नहीं काटी जाती बल्कि अंगुली काटने से पहले महिलाओं को आधे घंटे तक बांधा जाता है. और इसके बाद अंगुलियों को काट कर घंटो से तप रही आग में जला दिया जाता है. बता दे की ये प्रथा पहले पूरे देश में मानी जाती थी लेकिन सरकार के इस पर प्रतिबंध लगाने के बाद यह शहरी इलाकों में बैन हैं लेकिन फिर भी ऐसी दूरदराज रहने वाली कई जनजातिया इस प्रथा को आज भी मानती आ रही हैं और महिलाओं पर हो रहे इन दुशकर्मो को बडावा दे रही हैं.
प्रथा के कारण यहाँ तक की आपको जानकर हैरानी होगी कि यदि किसी परिवार के मुख्य पुरुष की मृत्यु हो जाए तो उस परिवार की सभी महिलाओं की अंगुलिया कुल्हाड़ी से काट दी जाती हैं और यह लोग यही नहीं रुकते बल्कि उनके चेहरे पर कालिख और मिट्टि का तेल पोतकर उन्हें सरेआम पूरे कबिले में शर्मिंदा भी करते हैं.
बता दे की दुनिया के सबसे आधुनिक देशों जैसे भारत, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और इंडोनेशिया में आज तक कई ऐसी जनजातिया हैं जो अपनी हजारों साल पुरानी परंपराओं को जीवित रखे हुए हैं. लेकिन इन जनजातियों को ये नहीं पता की समय के साथ-साथ हमे अपने नियम और परंपराओं को भी बदल लेना चाहिए क्योंकि परम्परा समाज के भले के लिए बनाई जाती हैं ना की समाज परंपराओ के लिए.
ठीक इसी जनजाति की महिलाओं की तरह ना जाने दुनिया भर में ऐसी कितनी जातिया होंगी जिनमे ऐसी प्रथा के कारण लोगो को बहुत कुछ झेलना पडता है.
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…
दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…
सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…
कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…
दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…
वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…