जिंदगी में इम्तिहान आपको परखने के लिए होते है ।
ये देखने के लिए की जिस कामयाबी की आप चाहत रखते है क्या आप उस लायक है भी या नही और ऐसे बहुत कम लोग होते है । जो इन इम्तिहानो को पार कर देते है । वही कामयाबी का स्वाद चख पाते हैं। इसलिए कहते है कि स्कूल की परीक्षा में रह जाओ तो कोई बात नही लेकिन कभी जिंदगी के इम्तिहान में फेल मत होना । और ये इम्तिहान सिर्फ हौसलों की उङान से मिले है ।
कामयाबी की एक ऐसी ही सच्ची मिशाल है।
हरिकिशन पिप्पल, जो कभी रिक्शा चला कर अपना गुजारा करते थे और आज करोङो के मालिक है। एक रिक्शा चलाने करोङो की कंपनी का मालिक सुने में काफी अविश्वसनीय लगता है लेकिन अगर सच्ची मेहनत हो तो कोई भी चीज नामुनकिन हो ही नही सकती ।
हरिकिशन पिप्पल आज इंडिया की जानी मानी एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक हैं । जिसका सालाना टर्नओवर 100 करोङ का है ये कंपनी ब्रांडेड विदेशी कंपनियों के लिए जूते बनाती है। हरिकिशन रेस्टोरेंट और हॉस्पिटल का बिजनेस भी करते है।
हालांकि हरिकिशन कामयाबी की इस ऊंचाई पर पहुंच गए हो । लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब हरिकिशन के घर में एक वक्त की रोटी भी मुश्किल से मिलती थी। हरिकिशन पिप्पल एक दलित परिवार से है । हरिकिशन के पिता मोची का काम करते थे । लेकिन पिता की कमाई से घर चल पाना बहुत मुश्किल होता था। फिर हरिकिशन के पिता की तबीयत भी खराब रहने लगी । उस वक्त हरिकिशन की उम्र भी ज्यादा नही थी। लेकिन पिता और घर का सहारा भी कोई नही थी। हरिकिशन ने अपने एक रिश्तेदार से रिक्शा किराए पर लेकर उसे चलाना शुरु किया । जिसे घर का खर्च और पिता की दवाइयों का खर्चा चलता था।और हैरानी की बात ये है कि हरिकिशन ने अटने रिक्शा चलाने वाली बात घर में किसी को नही बताई थी ।
इसके कुछ वक्त बाद हरिकिशन को एक फैक्टरी में नौकरी मिल गई ।
धीरे- धीरे जिंदगी बुरी हालत से सामान्य होने लगी थी। लेकिन हरिकिशन अपनी जिंदगी में कुछ बङा करना चाहते थे । फिर हरिकिशन ने अपनी पत्नी के कहने पर बैंक से 25 हजार रुपये उधार लिए । और अपनी जूतों की एक फैक्टरी खोली । क्योंकि उन्हें जूते बनानी की पूरी जानकारी थी । लेकिन हरिकिशन लाइफ में टर्निंग पाइंट तब आया, जब हरिकिशन को एक बार 10 हजार जोङी जूते बनाने का ऑर्डर मिला। जिसके बाद हरिकिशन पिप्पल की जिंदगी पूरी तरह बदल गई और उन्होंने कभी फिर पीछे मुङकर नही देखा ।
हरिकिशन पिप्पल ने इसके बाद रेस्टोरेंट में इनवेस्ट और फिर हेल्थ सेक्टर में । हरिकिशन ने Heritage People’s Hospital नाम से हास्पिटल खोला । हरिकिशन एक मोची के बेटे थे लेकिन अपनी जिंदगी को बदहाली में जीने की बजाय अपने खानदानी काम के हुनर का इस्तेमाल करके इस मुकाम पा लिया । जिंदगी में मुश्किल रास्तो से ही होकर कामयाबी गुजरती है।
अगर आप भी अपनी लाइफ में कुछ करना चाहते है । तो उसे कीजिए । क्योंकि अगर आपका इरादा सही होगा तो रास्ते अपने आप बन जाएंगे ।
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