विशेष

रिक्शा चलाने वाला बना करोड़पति !

रिक्शावाला जो करोडपति बना – रिक्शे पर बैठकर बाज़ार जाते समय क्या कभी आपने ये सोचा कि इस रिक्शे वाले के पास भी गाड़ी और बंगला होगा?
सच कहें तो शायद ना. सिर्फ आप ही नहीं बल्कि दुनिया का कोई भी आदमी एक रिक्शा खींचने वाले के लिए ऐसा नहीं सोच सकता. इस एक कारण है कि ऐसी मिसाल कभी लोगों के सामने नहीं आयी, लेकिन लोग ये भूल जाते हैं कि इस दुनिया में करने के लिए कुछ भी असंभव नहीं है. आप चाहें तो आसमान को भी ज़मीन पर ला सकते हैं.
कुछ ऐसा ही कर दिखाया है हमारे ही देश के एक रिक्शे वाले ने. जीवन ने उन्हें एक ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया था जब अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए उन्हें रिक्शा चलाना पड़ा. पीठ थपथपानी होगी उस शख्स की कि उसने सपने देखना बंद नहीं किया और जीवन में आगे बढ़ते हुए मेहनत करते हुए आज करोड़पति बन गया.
रिक्शावाला जो करोडपति बना –
सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के लोगों के लिए एक मिसाल खड़ी कर दी है हरिकिशन पिप्पल ने.
पिप्पल ने आजकल के युवाओं को एक ऐसा सपना दिखा दिया है, जो इसी जीवन में पूरा हो सकता है. भले ही लाख परेशानी आए और तूफ़ान आए, लेकिन में एक बार ठान लिया तो मंजिल तक पहुँचने से कोई रोक नहीं सकता.
ये खबर उन तमाम लोगों के लिए प्रेणना श्रोत है, जो जल्दी निराश होकर हार मान लेते हैं.
एक गरीब और दलित परिवार में जन्मे पिप्पल के पिता की जूता मरम्मत करने की दुकान थी. अपने घर के हालात को देखते हुए हरिकिशन पिप्पल मजदूरी करने लगे, लेकिन पढ़ाई नहीं छोड़ी. दिन में काम करते थे और रात में मन लगाकर पढ़ाई. पिप्पल अपने सपनों को साकार करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे थे.
सही कहा है किसी ने, जब ये जीवन परीक्षा लेता है तो डगर और भी कठिन हो जाती है. संघर्ष से भरे जीवन में पिप्पल के ऊपर पहाड़ टूट पड़ा. हरिकिशन जैसे ही 10वीं में पहुंचे उनके पिता की तबियत खराब हो गई.
घर की हालात और भी खराब हो गई. घर का खर्च और पिता की दवाओं का बोझ बढ़ गया. बेटा होने के कारण पिप्पल को ये फ़र्ज़ निभाना था, लेकिन उम्र बहुत कम थी. अभी तो पढ़ाई पूरी बाकी थी. ऐसे में क्या कर सकते थे वो. परिवार का पेट पालने के लिए पिप्पल ने अपने
किसी रिश्तेदार से उधार में साइकिल रिक्शा मांगी और चलाने लगे. उन्हें कोई पहचान न सके इसलिए वो मुंह पर कपड़ा बांधकर चलाते और अपने हौसले को बुलंद करते. पढ़ाई के साथ साथ इस तरह से पिप्पल के जीवन में संघर्ष का दौर शुरू हुआ.
जीवन बढ़ता गया. शादी हो गई और अब और मुश्किल हो गया. पत्नी के कहने पर जूतों की दूकान वापस शुरू की. किस्मत ने भी इस मेहनती पिप्पल का साथ दिया और पहली बार पिप्पल को स्टेट ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन से 10 हजार जोड़ी जूता बनाने का ऑडर मिला. इसके बाद हरिकिशन ने पीछे पलटकर कभी नहीं देखा. इस तरह से पिप्पल एक रिक्शावाला जो करोडपति बना.
ये है एक रिक्शावाला जो करोडपति बना – मेहनत और हौसले के आगे बड़ी से बड़ी रुकावट भी घुटने टेक देती है. बस, ज़रुरत है तो खुद पर विश्वास करने की और आगे बढ़ते रहने की.
Shweta Singh

Share
Published by
Shweta Singh

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago