भारत धर्मों का देश है.
अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के चलते ही हम आज तक विश्व में सर उठाकर जी रहें हैं. इस सोने की चिड़िया को ना जाना कितनी बार लूटा गया है. कभी बाहर से इस्लामिक शासकों ने हमें लूटा तो कभी अंग्रेजों ने. यहाँ हम जब बोलते हैं कि ‘हमें’ तो इसका मतलब यह नहीं है कि हमारे घरों पर हमला हुआ था बल्कि एक सोच और योजना के साथ सनातन धर्म के मंदिरों पर हमला किया गया था. सभी को अच्छी तरह से पता था कि देश का धन भारत के लोग भगवान के पास ही रखते हैं.
किसी ने सोमनाथ को लूटा तो कोई चुन-चुन कर मंदिरों को लुटता रहा.
लेकिन हिंदुस्तान के लिए एक कहावत बहुत मशहूर है कि यूनान-ओ- मिस्र-ओ- रोमा, सब मिट गए जहाँ से, अब तक मगर है बाकी, नाम-ओ-निशाँ हमारा, कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी. आखिर वो बात है क्या? तो जवाब एक ही है हमारा धर्म और हमारी धार्मिक ताकत.
आज भी हमारे हिन्दू मंदिरों में भगवान के लिए हर घर की नेक कमाई से एक हिस्सा मंदिरों में भेजने का रीतिरिवाज है.
आइये देखते हैं हिन्दुओं के पांच सबसे धनवान मंदिर…
पद्मनाभस्वामी मंदिर
विष्णु भगवान की मूर्ति वाला पद्मनाभस्वामी मंदिर दुनिया का सबसे अमीर मंदिर है. केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम के ‘श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर’ में कुल छह तहखाने हैं जिनमें से अब तक पांच को ही खोला गया है. यहाँ विष्णु भगवान शयन मुद्रा में हैं. इन पांच तहखानों में से मिली राशि की कीमत 5 लाख करोड़ रुपये आंकी जा रही है. हाल ही में इनका छठा तहखाना भी खोला जा रहा था, लेकिन कहा जाता है कि यदि यह खोला गया तो कुछ अपशगुन हो जायेगा. इसलिए इस द्वार को बंद रखा गया है.