क्रिकेट बहुत कम देशों में खेला जाता है।
मगर यह बहुत मशहूर खेल है, विशेषकर एशिया और सब कॉन्टिनेंट (उपमहाद्वीप) देशों में। इसी वजह से क्रिकेट के प्रशंसकों की अपार संख्या है। क्रिकेट का अच्छा विस्तार हो रहा है, इसलिए सभी देशों को इसका कार्य सही ढंग से चलाने के लिए बोर्ड की जरूरत होती है।
क्रिकेट के माध्यम से मोटी कमाई करने के लिए बोर्ड बना है। वह हर छोटी-बड़ी जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाकर खिलाडि़यों और दर्शकों को सुविधाएं मुहैया कराता है।
मौजूदा समय में क्रिकेट बोर्ड की अहमियत से तो सभी वाकिफ हैं।
क्रिकेट अब खेल ही नहीं बल्कि व्यवसाय भी बन गया है, तो उसे लगातार बढ़ाने के लिए बोर्ड सबसे अहम है। बोर्ड की उपयोगिता तो इससे भी साबित होती है कि प्रशासक अपना पूरा दिमाग लगाकर खेल से मुनाफा निकालने के नए आइडिया ले आते हैं।
आज हम विश्व के उन 10 क्रिकेट बोर्डों पर नजर डालेंगे जो भारी मुनाफा कमाकर क्रिकेट जगत में अपनी धाख जमाते हैं।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) 295 मिलियन (1943 करोड़ रुपए)
यह बोर्ड कुछ भी करे उसमें इसका मुनाफा तय है। तभी तो कमाई के मामले में यह बोर्ड सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है। बताया जाता है कि बीसीसीआई लगभग हर सीरीज में अपना पैसा लगाता है। इसके अलावा 1983 विश्व कप की ट्रॉफी तथा अन्य स्टार खिलाडि़यों के कारण बीसीसीआई को बड़ा मुनाफा हमेशा हाथ लगा। आईसीसी के लिए बीसीसीआई बहुत मददगार है, इसलिए बीसीसीआई कोई भी फैसला लेता है तो उसे दबाव में आकर ही सही लेकिन स्वीकृति मिल ही जाती है। 2008 में आईपीएल शुरू करने के बाद क्रिकेट को बीसीसीआई ने ग्लैमर की दुनिया बना दी और खूब मुनाफा कमाया। जिस देश में क्रिकेट को धर्म माना गया हो उसका शीर्ष पर बरकरार रहना तो लाजिमी है।
क्रिकेट साउथ अफ्रीका (सीएसए)- 69 मिलियन (454 करोड़ रुपए)
ज्यादा कमाई करने के बावजूद क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका रेवेन्यू हासिल करने से ज्यादा निवेश करता है और इसी की वजह से बोर्ड को नुकसान उठाना पड़ता है। यह बोर्ड टीवी राइट्स और अपने देश में दौरा करने वाली टीमों पर अत्यधिक निर्भर रहता है। विश्व स्तर पर दक्षिण अफ्रीकी खिलाडि़यों का शानदार प्रदर्शन बोर्ड की भी नैया पार कराए हुआ है। इस देश ने कई दिग्गज खिलाड़ी विश्व क्रिकेट को दिए हैं और यही कारण है कि बोर्ड की भी हालत बहुत अच्छी बनी हुई है।
इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी)- 59 मिलियन (388 करोड़ रुपए)
क्रिकेट के जन्मदाता माने जाने वाले इस देश की कमाई हमेशा ही अच्छी रही। अच्छी स्पॉन्सरशिप और बेहतर प्रसारणकर्ता होने के कारण ईसीबी का मुनाफा प्रतिशत अच्छा है। हालांकि टीम के फीके प्रदर्शन का ईसीबी को हमेशा नुकसान हुआ और यही कारण है कि यह बोर्ड सबसे ज्यादा कमाई करने के मामले में शीर्ष स्थान पर नहीं पहुंच सका। यहां अभी भी टेस्ट क्रिकेट का रोमांच बरकरार है। ईसीबी कई बाहरी सीरीज में भी अपना पैसा लगाकर मुनाफा कमाता है।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी)- 55 मिलियन (362 करोड़ रुपए)
आईसीसी में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को जुलाई 1952 में शामिल किया गया। इसके बाद से पाकिस्तान ने क्रिकेट जगत में अपनी अलग पहचान बनाई। कई विश्व स्तरीय क्रिकेटरों की बदौलत पाकिस्तान ने अच्छा मुनाफा कमाया। पिछले कुछ सालों में सुरक्षा व्यवस्था के कारण यूएई में मैच आयोजित कराने के बावजूद पाकिस्तान के लिए लोग निवेश करने से कतराते नहीं है। यहीं कारण है कि पाकिस्तान बोर्ड के पास आज भी अच्छी खासी रकम आती है।
बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी)- 51 मिलियन (336 करोड़ रुपए)
26 जून 2000 को आईसीसी का पूर्ण कालिक सदस्य बनने के बाद बांग्लादेश क्रिकेट की हालत में भारी बदलाव आया है। बोर्ड का अपना हेडक्वार्टर ढाका में बना है। पिछले कुछ समय में टीम ने एकजुट होकर बहुत बेहतरीन प्रदर्शन किया और इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश को अलग पहचान मिली। अब विज्ञापन जगत से लेकर अलग-अलग वेंचर्स के लोग यहां निवेश करने में रूचि दिखाते है। बांग्लादेश प्रीमियर लीग से भी बोर्ड को काफी मुनाफा हुआ।
जिम्बॉब्वे क्रिकेट (जेडसी)- 32 मिलियन (210 करोड़ रुपए)
जिम्बॉब्वे क्रिकेट यूनियन (जेडसीयू) के नाम से शुरू हुआ जिम्बॉब्वे क्रिकेट की गिनती गरीब देश में होती है। मगर इसने पिछले कुछ समय में मुनाफे के मामले में ऑस्ट्रेलिया को पछाड़ दिया है। जिम्बॉब्वे ने पिछले कुछ समय में टेस्ट, वन-डे और टी-20 की आकर्षक सीरीज कराई जिससे इनका मुनाफे की दर बढ़ गई।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) – 24 मिलियन (158 करोड़ रुपए)
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को पहले ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट बोर्ड कहा जाता था। यह ऑस्ट्रेलिया के पेशेवर और एम्येचोर क्रिकेट की देख-रेख करता है। 1905 में यह ऑस्ट्रेलियन बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर इंटरनेशनल क्रिकेट के नाम से बना था। ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट की स्थिति अभी थोड़ी बिगड़ गई है, जिसके बाद इसकी रैंकिंग पर गहरा असर पड़ा है और यह खिसककर सातवें स्थान पर पहुंच गया है।
श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी)- 20 मिलियन (131 करोड़ रुपए)
श्रीलंका क्रिकेट पहले बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन श्रीलंका (बीसीसीएलएस) कहलाता था जो श्रीलंका में क्रिकेट की गतिविधियों को नियंत्रित करता था। यह श्रीलंका क्रिकेट टीम, प्रथम श्रेणी क्रिकेट का ध्यान रखता है। इस बोर्ड को सरकार चलाती है। इसमें अंतरिम समितियां गठित की जाती है, जिसे लेकर बहुत आलोचक और पूर्व खिलाड़ी व पत्रकार हमेशा आपत्ति उठाते रहे है।
वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड- कीमत 15 मिलियन यूएस डॉलर (98 करोड़ रुपए)
वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआईसीबी) कई कैरेबियाई क्रिकेट खेलने वाले देशों की शासी निकाय है। 1990 की शुरुआत में कई कैरेबियाई देशों ने मिलकर एक टीम बनाकर खेलने का फैसला किया और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में धमाल मचाया। मगर फुटबॉल और अन्य खेलों ने कैरेबियाई युवाओं का रूझान अपनी ओर आकर्षित कर लिया। क्रिकेट अब भी यहां जीवित है, लेकिन पहले के जैसा जूनून अब लोगों में नहीं है। इसी वजह से डब्ल्यूआईसीबी को पैसो को लेकर काफी परेशानियां होती हैं। मगर हमेशा एक उम्मीद की किरण होती है। इसी को ध्यान में रखकर कैरेबियन क्रिकेट लीग शुरू की जो हिट शो साबित हुआ। उम्मीद है कि अब रैंकिंग में वेस्टइंडीज का स्थान सुधरेगा।
न्यूजीलैंड क्रिकेट (एनजेडसी)- कीमत- 9 मिलियन डॉलर (59 करोड़ रुपए)
आर्थिक तौर पर सबसे खराब हालत न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड की ही है। न्यूजीलैंड का मुनाफा करीब 2.285 मिलियन डॉलर भर है। बकि उनकी नेट वर्थ (निवल मूल्य) करीब 8.611 मिलियन है। न्यूजीलैंड में क्रिकेट दूसरे नंबर का सबसे मशहूर खेल है। रग्बी यहां का सबसे प्रचलित खेल है। 2015 विश्व कप में न्यूजीलैंड टीम के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इस देश की स्थिति में बड़ा बदलाव होगा।
कुछ समय पहले पाकिस्तान के खिलाडि़यों का अपने बोर्ड के साथ विवाद हुआ था, जिसमें खिलाडि़यों ने समय पर रकम न अदा करने का बोर्ड पर जुर्माना लगाया था।
इसके अलावा जिम्बॉब्वे की टीम भी समय-समय पर बोर्ड पर आरोप लगा चुकी है कि वो खिलाडि़यों को रकम का भुगतान नहीं करते हैं। खिलाडि़यों ने आरोप लगाया था कि बोर्ड के पास अच्छा पैसा होने के बावजूद खिलाडि़यों से भेद-भाव हो रहा है।
तभी हमने सोचा कि बोर्ड की असलियत बाहर निकाली जाए ताकि आप खुद तय कर सके कि क्या पाकिस्तानी और जिम्बॉब्वे के खिलाडि़यों का आरोप गलत था या सही? बोर्ड की सूची से ही आप भविष्य में क्रिकेट के विकास का भी अनुमान लगा सकते हैं।
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