भारत के आरक्षण आंदोलन – हमेशा दौड़ती-भागती मुंबई पिछले दो दिनों से रेंग रही है।
मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग के चलते बुधवार को ‘मराठा क्रांति मोर्चा’ संगठन ने मुंबई व आस-पास के जिलों में बंद का आह्वान किया था। महाराष्ट्र बंद के चलते मुंबई के स्कूलों में एहतियातन छुट्टी रखी गई। बंद के दौरान कई जगह तोड़-फोड़ की घटनाएं व आगजनी हुई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर बरसाए, जिसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए।
वैसे तो मराठा क्रांति मोर्चा ने दोपहर की हिंसा के बाद मुंबई व आस-पास के जिलों से बंद वापस ले लिया। मगर इन कुछ घंटों की हिंसा से मायानगरी में दहशत का माहौल बना रहा।
यह इस तरह का कोई पहला आंदोलन नहीं है। हमारे देश में आरक्षण हमेशा से बहस का मुद्दा रहा है। कई समुदाय आए दिन आरक्षण की मांग करते रहते हैं। आरक्षण की मांग के चलते देश में बार-बार आंदोलन होते रहते हैं।
लेकिन इन आंदोलनों में 5 ऐसे भारत के आरक्षण आंदोलन रहे हैं, जिन्होंने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। आइए आज करते हैं, ऐसे ही 5 बड़े आंदोलनों की बात –
भारत के आरक्षण आंदोलन –
- जाट आंदोलन से हरियाणा हुआ था लकवाग्रस्त
जाट समुदाय अपने उग्र रूप के लिए जाना जाता है। फरवरी 2016 में पूरे देश ने समुदाय का यह भयानक रूप देखा था। जाटों को पिछड़ा वर्ग में शामिल करके उन्हें आरक्षण देने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू तो शांतिपूर्वक तरीके से हुआ था। मगर दिन बढ़ने के साथ ही हिंसा भी बढ़ती चली गई। करीबन 15 दिन तक चले इस आंदोलन में हरियाणा में जमकर हिंसा, आगजनी व तोड़-फोड़ हुई, रेलवे व बस सेवा पूरी तरह ठप्प हो गई। आंदोलन के दौरान करीब 30 लोगों की जान गई और राज्य को ₹34 हजार करोड़ की धनहानि हुई। फिर जब आंदोलन की यह आग पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान व हिमाचल प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों में पहुंचने लगी तो इसे काबू में करने के लिए सेना तक तो बुलाना पड़ा।
- गुर्जर आंदोलन का कहर
राजस्थान का गुर्जर समुदाय अपने आंदोलन में रेलवे ट्रैक्स को निशाना बनाता रहा है। 2008 के आंदोलन के दौरान प्रदर्शन कर रहे गुर्जर आंदोलनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी की वजह से हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान 20 लोगों की मौत हुई थी। हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली व मुंबई के रेल रूट को ब्लॉक कर दिया था। 2015 में एक बार फिर हजारों प्रदर्शनकारियों ने कुछ रेलवे ट्रैक्स पर कब्जा किया, पटरियां उखाड़ी व आगजनी की। हफ्तेभर चले इस आंदोलन में रेलवे प्रशासन को ₹200 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा।
- पाटीदार आंदोलन में हुआ तमाशा
2015 में गुजरात के पाटीदार समाज द्वारा शुरू किए आंदोलन ने हार्दिक पटेल जैसे पॉलिटिकल एक्टिविस्ट को जन्म दिया। हार्दिक पटेल ने सोशल मीडिया के जरिए कई रैलियों का आयोजन किया और युवाओं को सड़क पर उतरने के लिए प्रेरित किया। पटेल ने अपनी पहली रैली विसनगर से शुरू की थी और यही आंदोलनकारियों ने स्थानीय भाजपा विधायक के ऑफिस में तोड़-फोड़ की थी। 15 जुलाई को शुरू हुए इस आंदोलन में 25 अगस्त को हार्दिक पटेल की अगुआई में अहमदाबाद में सबसे बड़ा प्रदर्शन हुआ था। इस दौरान गाड़ियों के साथ सार्वजनिक संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया। यह आंदोलन करीबन 2 महीने चला था।
- दक्षिण भारत में हिंसा
उत्तर भारत की तरह ही दक्षिण भारत में भी आरक्षण को लेकर प्रदर्शन होते रहते हैं। आंध्रप्रदेश के कोपू समुदाय ने 2016 में ओबीसी दर्जे की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन किए थे। राज्य में पूर्वी गोदावरी जिले में प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने रत्नाचल एक्सप्रेस के चार डिब्बों सहित दो पुलिस थानों को आग के हवाले कर दिया था। इस दौरान कई लोग व पुलिसकर्मी घायल हुए। प्रदर्शनकारियों ने बसों के साथ ही राहगीरों की गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया था।
- मराठा आंदोलन
पिछले दो दिनों से मुंबई को हिला देने वाला मराठा आंदोलन भी कई सालों से चल रहा है। मराठा समुदाय शिक्षा व सरकारी नौकरियों में आरक्षण चाहता है। वैसे तो मराठा क्रांति मोर्चा शांतिपूर्वक रैलियां निकलाने के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार कई जगह हिंसा देखने को मिली। संगठन द्वारा बंद वापस लेने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की पेशकश की है और कहा है कि उनकी मांगों पर ध्यान दिया जाएगा।
भारत के आरक्षण आंदोलन – आरक्षण का मुद्दा हमेशा ही विवादों में घिरा रहता है। जाति के आधार पर आरक्षण सही है या गलत, इस पर सभी के अपने विचार है। मगर इतना जरूर है कि जो वाकई जरुरतमंद है, उन्हें मदद अवश्य मिलनी चाहिए।