अपाहिज – दुनिया में कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके पास सारी सुख सुविधाएं होती है, मगर वो ज़िंदगी में कुछ कर नहीं पाते यानी अपनी अलग पहचान नहीं बना पातें, वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके पास सुख-सुविधाए तो छोड़िए अपना पूरा शरीर भी नहीं होता फिर भी ऐसा कारनाम कर जाते हैं कि पूरी दुनिया हैरान रह जाती है.
कहते हैं कि हौसला है तो जिंदगी में कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं है.
ऐसा ही कुछ साबित कर दिखाया है, इन लोगों ने जिनकी कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं. इन लोगों ने पूरी दुनिया को जता दिया कि फतह करने के लिए सारे अंगों का सही होना जरूरी तो है, लेकिन इनमें से किसी एक के भी खराब होने पर लक्ष्य को भूल जाना या जीवन में निराश होकर बैठ जाना, ये उचित नहीं.
जीवन में अगर आप भी निराश हो चुके हैं और थक-हारकर बैठ जाना चाहते हैं तो उससे पहले ऐसे लोगों की कहानी पढ़ लें, जो अपाहिज होने के बावजूद दुनिया में नाम कमाने में कामयाब रहे हैं.
१ – स्टीफन हॉकिंग्स
स्टीफन हॉकिंग्स सिर्फ 21 साल के थे, जब उन्हें Amyotrophic Lateral Sclerosis (ALS) नाम की बीमारी हो गई. इसके चलते उनके अधिकतर अंगों ने धीरे-धीरे काम करना बंद कर दिया था. लेकिन स्टीफन ने कभी हार नहीं मानी. आखिर में वो दुनियाभर में नाम कमाने में कामयाब रहे. अभी हाल ही में स्टीफन हॉकिंग्स का निधन हुआ है.
२ – निकोलस जेम्स वुजिकिक
निकोलस को बचपन से ही फोकोमेलिया नाम की एक गंभीर बिमारी है. इस बीमारी की वजह से उनके दोनों हाथ और पैर नहीं हैं. इतना दिव्यांग होने के बाद भी निक ने हार नहीं मानी. उन्होंने कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया और आज वो दुनिया के जानेमाने मोटीवेशनल स्पीकर हैं. वो लोगों को ज़िंदगी के बारे में सकारात्मक सोच देते हैं.
३ – हेलन केलर
आपने हेलन केलर के बारे में स्कूली किताब में ज़रूर पढ़ा होगा. हेलेन काफी छोटी उम्र की थीं जब वे अंधी और बहरी हो गईं थी. हेलन ने जीवन से हार नहीं मानी और आगे चलकर उन्होंने आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया. आगे चलकर हेलेन, लेखक और पॉलिटिशियन भी बनीं.
४ – सुधा चंद्रन
सुधा के बारे में तो आज लगभग ज्यादातर भारतीय जानते हैं. सुधा का बचपन से ही डांसर बनने का सपना था लेकिन एक भयानक बस हादसे में अपना एक पैर गंवा बैठी. लोगों ने कहा कि अब सुधा का सपना अधूरा रह जाएगा, लेकिन सुधा ने हार नहीं मानी. उन्होंने अपने कृत्रिम पैर की बदौलत डांस की बेहतरीन अदाकारा के तौर पर अपनी पहचान भी बनाई. सुधा चंद्रन कई टीवी सीरियल भी कर चुकी हैं.
५ – अरुणिमा सिन्हा
एक बुरे हादसे में अरुणा एक पैर गंवा बैठीं. दरअसल, बदमाशों ने चलती ट्रेन से अरुणिमा को बाहर फेंक दिया था, लेकिन इससे उन्होंने हार नहीं मानी. और तो और आगे जाकर अरुणिमा एक पैर के सहारे माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर तिरंगा फहराने वाली पहली महिला बनी.
इन अपाहिज लोगों को देखकर शायद आप भी निराशा छोड़कर अपने सपनों को पूरा करने के लिए नए जोश से आगे बढ़ेंगे. इसके पास तो पूरा शरीर भी नहीं था फिर भी अपना नाम कमाया तो आप तो पूरी तरह से फिट है, तो क्यों हाथ पर हाथ धड़े बैठे हैं.