कोई अपनी प्रेमिका को याद कर रहा है…
तो कोई पुराने सदाबहार नगमें गुनगुना रहा है…
तो कोई रेट्रो की धुन पर थिरक रहा है मामला कुछ भी हो पुराने हिट सीन्स को नई फ़िल्म में भुनाया जा रहा हैं…
सलमान ने किया ऐश्वर्या को याद-भई गर आप प्रेम-रतन धन पायों में सोनम कपूर की चोटी को हाथ में लिए सलमान को देखेंगे तो आप भी यही कहेंगे. वैसे सलमान ये काम पहले भी कर चुके है. फ़िल्म लकी में ऐश्वर्या की हमशक्ल हीरोईन स्नेहा उल्लाल भी हम दिल दे चुके सनम के सांग आंखों की गुस्ताखियां की याद दिला चुकी है सांग जान मेरी जा रही सनम के जरिए.
ऋतिक सोनम ने दिलाई आशिकी की याद-
साल 1990 में आई फिल्म आशिकी का सुपरहिट रोमांटिक सांग ‘धीरे धीरे से मेरी जिंदगी में आना..’ को आप कैसे भूल सकते है भला. अब इस आशिकी को धीरे-धीरे दोहराते नज़र आएंगे सोनम और ऋतिक. फ़िल्म आशिकी के 25 साल पूरे हो चुके है ऐसे में फ़िल्म नहीं बल्की एक वीडियों के जरिए इस फ़िल्म को ट्रिब्यूट दिया जा रहा है.
फ़िल्मों जरिए रेट्रो लुक को देखकर लगता है बॉलीवुड से रेट्रो का नशा जल्दी उतरने वाला नहीं है तभी तो ये फार्मूला बार-बार अपनाया जा रहा हैं.
बॉम्बे वेलवेट –
इस फ़िल्म में अनुष्का और रणबीर कपूर नज़र आए रेट्रो लुक में.
एक्शन रिप्ले–
इस फ़िल्म में अक्षय कुमार और ऐश्वर्या जोर झटका सांग में रेट्रो स्टाईल में क्लॉद दिखाए गए और इसी स्टाईल में डांस करते नजर आए.
तेरी मेरी कहानी–
इस फ़िल्म में प्रियंका का लुक मुमताज के सांग आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे से मिलता जुलता हैं.
रेडी–
फ़िल्म रेडी में सलमान और ज़रीन ख़ान कैरेक्टर ढीला है सांग में रेट्रो लुक में नज़र आए. एक लुक था मुगले आजम का और एक लुक था श्री 420 का.
वन्स अपॉन अ टाईम इन मुबंई –
इस फ़िल्म में प्राची देसाई नज़र आई बॉबी वाली डिपंल कपाड़िया के लुक में. तो वहीं कंगना रनौत का लुक मधुबाला से मिलता -जुलता था.
रब ने बना दी जोड़ी–
इस फ़िल्म के सांग चलते-चलते में बिपाशा काजोल प्रीटी जिंटा और रानी नज़र आई रेट्रो लुक में.
ओम शांति ओम–
इस फ़िल्म में दीपिका पादुकोण ने 70 के दशक की एक हीरोईन का रोल किया था जिसमें वो अलग-अलग तरह के रेट्रो लुक में नज़र आई.
दिल चाहता है–
इस फ़िल्म ने तो जैसे रेट्रो लुक का ट्रेंड ही शुरु कर दिया. जिसे ढूंढता हूं मैं में दिखा सैफ और सोनाली कुलकर्णी का रेट्रो लुक.
फ़ैशन के बारें में कहा जाता है कि ये कभी नहीं जाता नहीं है बल्की लौट-लौट कर फिर से आता है वैसे ओल्ड इज़ ऑलवेज गोल्ड हमेशा से ही रहा है तो इसकी चमक से बॉलीवुड कैसे बच सकता है भला ऐसे में नई फ़िल्मों में पुरानी फ़िल्मों के सीन बार –बार नई फिल्मों में दोहराए जाते हैं.