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हिंदू से मुस्लिम बनी हादिया क्या चाहती है। ये लव है या जिहाद?

धर्म परिवर्तन

लव जिहाद यानि प्यार का झांसा देकर धर्म परिवर्तन कराना ।

लेकिन क्या हर धर्म परिवर्तन लव जिहाद होता का मामला है । ऐसे ही कुछ सवालों से घिरी है मुस्लिम महिला हादिया की जिंदगी । जिसने करीबन एक साल पहले इस्लाम कबूला था। हादिया का असली नाम अखिला है । हादिया ने एक मुस्लिम लङके शफीन से शादी करने के बाद इस्लाम धर्म कबूल कर लिया और अपना नाम हादिया रख लिया । लेकिन लङकी के पिता ने कोर्ट में जबरन धर्म परिवर्तन का मुकदमा का दर्ज कराया । तभी से ये शादी लव और जिहाद इन दो शब्दों के बीच लटक कर रही है  ।जिस पर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा कि हादिया अपनी पढाई दोबारा शुरु करेगी जिसका सारा इंतजाम करेल सरकार करेगी ।

मेडिकल की स्टूडेंट है हादिया

आपको बता दे हादिया मेडिकल की स्टूडेंट है ।हादिया ने कोर्ट को कहा कि उनका पति उनका खर्च उठाने में सक्षम है  इसलिए उन्हे पैसो की मदद की जरुरत नही है लेकिन फिर कोर्ट ने केरल सरकार को हादिया की जिम्मेदारी सौपी है और माता- पिता से अलग हॉस्टल में रहकर पढाई पूरी करेगी । जिसे हादिया के पति को राहत मिली है हालांकि शादी पर फैसला होना अभी बाकी है।

धर्म परिवर्तन

मुस्लिमों दोस्तो से प्रभावित होकर अपनी मर्जी से अपनाया इस्लाम धर्म

दरअसल हिंदू से मुस्लिम बनी हादिया के अनुसार वो तमिलनाडु में काॅलेज में पढने के दौरान दो मुस्लिम लडकियों के साथ किराए के मकान में रहती थी। उन दोनों लडकियों को इस्लाम धर्म के नियमों का पालन देख हादिया प्रभावित हुई और उसने धर्म परिवर्तन कर लिया। वही हादिया के अनुसार उसकी मुलाकात शफीन से एक मैटिमोलियन साइट पर हुई थी। जिस वजह से शफीन का हादिया के धर्म परिवर्तन में कोई हाथ नही है जबकि हादिया के पिता केएम ओसकिन ने केरल हाई कोर्ट में याचिका दर्ज कराते हुए कहा कि उनकी बेटी से शादी कर जबरन धर्म परिवर्तन करवाया गया है  ।

केरल हाई कोर्ट में दो बार चला मुकदमा

केरल हाई कोर्ट में ये मुकदमे की सुनवाई दो बार हुई। जिसमें पहली सुनवाई में मुकदमा हादिया के हक में गया और कोर्ट ने ये कहकर केस खारिज कर दिया कि” हादिया से जबरन धर्म परिवर्तन  नही किया है। ” लेकिन दूसरी बार हादिया के पिता ने सबूतों के साथ कोर्ट में मुकदमा लङा। हादिया के पिता के अनुसार उन्होंने हादिया से बात करते वक्त फोन काॅल को रिकार्ड कर लिया था। जिसमें हादिया ने धर्म परिवर्तन  वाली बात कही थी।

जबकि हादिया का धर्म परिवर्तन जनवरी 2017 में किया गया । तो धर्म परिवर्तन शादी से पहले कैसे हो गया । इन सब बातों को सुने के बाद केरल हाइ कोर्ट ने  हादिया और शफीन की शादी  को रद्द कर उनकी कस्टडी उनके पिता को दे दी ।

कस्टडी के बाद पति से नही मिलने दिया पिता ने

लेकिन इसके बाद केरल कोर्ट के फैसले के खिलाफ हादिया के पति शफीन ने सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा ले गए । जिसकी सुनवाई हाल ही में की गई लेकिन इस पर फैसला आना अभी बाकी है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जब तक सभी पक्ष मौजूद नही होंगे कोर्ट फैसला नही सुनाएगी । आपको बता दें शफीन इस फैसले सुप्रीम कोर्ट इसलिए लेकर गए क्योंकि केरल कोर्ट के फैसले के बाद शफीन को हादिया के पिता ने एक बार उसे मिलने नही दिया न ही बात करने दी । जबकि हादिया भी अपने पति से मिलना चाहती थी। वही शफीन के आरोप पर हादिया के पिता का कहना है कि कोर्ट ने हादिया की जिम्मेदारी उनको दी है अगर शफीन उनसे मिलना चाहते है तो कोर्ट जाकर परमिशन लेकर आए । साथ ही हादिया के पिता के वकील का कहना है कि” ये केस लव जिहाद का नही है बस आम धर्म परिवर्तन का है । “

सुप्रीम कोर्ट ने हादिया को हास्टल में रहकर पढने का सुनाया फैसला

ये केस पिछले एक साल से सुर्खियों में बना हुअ है लेकिन ये केस लव जिहदा का है या सच्चे प्यार का इसका फैसला तो कोर्ट भी नही कर पा रहा । लेकिन धर्म परिवर्तन को हटकर ये देखना ज्यादा जरुरी है कि हादिया क्या चाहती है । सुप्रीम कोर्ट ने पढाई को पूरी करने की इच्छा का सम्मान करते हुए उनका अभिवादन उनके काॅलेज के प्रिंसिपल को बनाया है और माता पिता सा अलग हास्टल में रहकर पढने का फैसला सुनाया है। हालांकि हादिया के निकाह पर फैसला जनवरी में सुनाया जाएगा ।