जब बहुत सी चीज़ें ऐसी होती हैं जो हम अपने माता पिता को नहीं बता सकते, तो एक बड़ी बेहेन ही है जो आपकी हर दिक्कतों में आपका साथ देने से पीछे नहीं हटती है.
साथ घूमना, एक ही कमरे में साथ रहना, हर छोटी बड़ी बातों पर रूठना और मनाना, इन्ही सारी चीज़ों से मिलकर हमारे बचपन की यादें बनी हैं.