सेहत

जहर है रिफाइन तेल ! केमिकल की दुनिया का कमाल है रिफाइन आयल, पढ़कर इस पोस्ट को रिफाइन तेल खाना छोड़ देंगे आप

आज से कुछ समय पहले तक आपने क्या रिफाइन तेल का नाम सुना था?

जी हां आज से कुछ 25 से 30 साल पहले तक कोई नहीं जानता था कि रिफाइन तेल क्या होता है?

अचानक से ही एक हल्ला होने लगता है कि आपकी सेहत का ध्यान रखने, रिफाइन तेल आ गया है. हम बिना किसी जांच और रिपोर्ट को ना देखते हुए बस इसका उपयोग करने लगते हैं.

अब आपसे पूछा जाये कि आपने रिफाइन तेल का इस्तेमाल करना क्यों शुरू किया तो आपका जवाब होगा क्योकि वह दिल के लिए अच्छा होता है. टीवी पर आ रहे विज्ञापनों से यही पता चलता है. लेकिन हकीकत बात यह है कि रिफाइन तेल दिल और हमारे शरीर के लिए जहर है.

आप खुद रिपोर्ट पढ़िए

अब आप अगर पढ़े लिखे हैं तो आप खुद इन्टरनेट पर सर्च कीजिये ‘The Truth: About Refined Cooking Oil’ आपको यहाँ कई तरह की रिपोर्ट पढ़ने को मिल जाएगी. सबसे बड़ी बात यह है कि अमेरिका और रूस जैसे देशों के वैज्ञानिकों ने भी दावा किया है कि रिफाइन आयल को बनाते वक़्त जिस तरह के केमिकल इस्तेमाल हो रहे हैं वह हमारे शरीर को अन्दर से खोखला बना रहे हैं. काई बार तो इसको बनाने में खास तरह का साबून उपयोग में लाया जा रहा है जिसकी वजह से हमारा पेट अक्सर खराब ही रहता है.

क्या कहते हैं कुछ भारतीय डॉक्टर

एम्स में जब रिफाइन आयल के ऊपर रिसर्च हुई तो कुछ डॉक्टर्स ने बोला कि यह तेल सबसे ज्यादा घातक है. लेकिन समस्या यह है कि इतनी बड़ी कम्पनियों की पोल कौन खोले? रिफाइन आयल से चिपचिपापन गायब कर दिया जाता है जबकि असल में यही चीज प्रोटीन से भरी होती है. हमको यह कोई नहीं बताता है कि आखिर यह चिपचिपापन कैसे गायब किया गया है. जिस घर में रिफाइन आयल इस्तेमाल हो रहा है वहां दिल की बीमारी के सबसे ज्यादा लोग मिलेंगे.

क्या कहते हैं स्वदेशी लोग

किसी भी तेल को रिफाइन करने में 6 से 7 केमिकल का प्रयोग किया जाता है और डबल रिफाइन करने में ये संख्या 12 से 13 हो जाती है. तेल को साफ़ करने के लिए जितने केमिकल इस्तेमाल किये जाते हैं सब एक तरह के जहर हैं जो इंसान के शरीर को बीमार बना रहे हैं.

तब क्या खायें ?

तो अब बात आती है कि अगर रिफाइन आयल न खायें तो क्या खायें? तो आप मात्र एक माह के लिए सरसों का तेल, नारियल का तेल, मूंगफली का तेल या फिर तीसी का शुद्ध तेल खायें. अगर आपको इनकी शुद्धता पर शक है तो आप किसी भी स्वदेशी कम्पनी से यह तेल खरीद लें. तब आप मात्र एक माह में ही समझ जाओगे कि आप जहर खा रहे थे.

तो शायद अब आप समझ गये होंगे कि आखिर क्यों हमारे पूर्वज शुद्ध सरसों का तेल खाने में उपयोग करते थे तभी उन दिनों हार्ट की समस्या इतनी कम होती थी और वह लोग 100 साल से ऊपर तक जीते थे.

Chandra Kant S

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Chandra Kant S

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