इस्लामिक देश इंडोनेशिया ने 2019 तक सभी वेश्यालय को बंद करने का टारगेट रखा है.
एक अंग्रेजी वेबसाइट के हवाले से आ रही खबर के अनुसार इंडोनेशिया सरकार रेड लाइट एरिया को पार्क में तब्दील करना चाहती है. वेश्यावृत्ति से समाज का माहौल खराब हो रहा है.
बेशक पर्यटन में सेक्स का बड़ा हाथ बताया जा रहा है लेकिन इससे महिलाओं का चरित्र भी खराब हो रहा है.
इस कड़ी में बीते दिनों राजधानी जकार्ता के सैंकड़ों ब्रॉथल्स तोड़ दिए गए. कालीजोडो डिस्ट्रिक्ट में हुई इस कार्रवाई के दौरान पांच हजार सिक्युरिटी मेंबर्स की तैनाती की गयी थी.
जैसा कि आपको पता होना चाहिए कि इंडोनेशिया जातीय तौर पर विविधताओं से भरा हुआ देश है.
यहाँ कुछ 300 से ज़्यादा स्थानीय भाषाओं का इस्तेमाल होता है. ग्रामीण शिकारियों और घुमंतुओं से लेकर आधुनिक शहरी अभिजात्य वर्ग सभी आपको यहाँ आज भी मिल सकते हैं. इंडोनेशिया में किसी और देश की तुलना में सबसे ज़्यादा द्वीप हैं, जिनकी संख्या कुछ चौदह हज़ार है.
वैसे कहने को तो यहाँ सेक्स टूरिज्म और देह व्यापार दोनों को ही गैर-क़ानूनी बताया गया है लेकिन फिर भी जिस हिसाब से इस देश में गरीबी है तो यहाँ लड़कियां और महिलायें इस व्यापार से अपना पेट पाल रही हैं.
लेकिन पिछले कुछ समय से यहाँ कुछ सामाजिक संस्थायें बोल रही थीं कि देश से देह व्यापार को बिलकुल खत्म कर दिया जाए. अभी देश में जो पर्यटक आ रहे हैं उनके लिए इंडोनेशिया देश मात्र सेक्स भूख खत्म करने देश बनता जा रहा है. लेकिन अब यहाँ पर हमें देश की एक अच्छी छवि विश्व के सामने पेश करनी चाहिए.
तो सेक्स वर्कर का क्या होगा ?
सरकार ने इस बात की भी घोषणा की है कि जो सेक्स वर्कर हैं उनके लिए रोजगार की व्यवस्था करना, देश का कार्य है और सरकार का काम है. अगर इन महिलाओं को रोजगार के सही साधन मिलने लगें तो फिर कोई भी इस कार्य को करने का इच्छुक नहीं होगा.
सभी के लिए स्किल क्लास की व्यवस्था की जाएगी और वहां पर इनको ट्रेनिंग के बाद रोजगार की भी व्यवस्था की जाएगी. अभी जहाँ रेड लाइट एरिया हैं वहां पर पार्क बनाये जायेंगे.
इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और समाज का के स्वस्थ्य विकास भी तभी संभव हो पायेगा.
लेकिन अब बड़ा सवाल यह है कि जब इंडोनेशिया जैसा देश इस ओर कार्य कर रहा है तो ऐसे में भारत जैसा अध्यात्मिक देश वेश्यावृत्ति को खत करने का प्रयास क्यों नहीं कर रहा है?