दर्दनाक होता है वेश्याओं का बूढ़ापा
- ज्यादातर वेश्याओं की यही कहानी है जब उनकी जवानी ढलने लगती है तब उन्हें कोठे से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है.
- जवानी में जिन वेश्याओं के जिस्म की महंगी बोली लगती है, उनके जिस्म के लिए बूढ़ापे में कोई खरीददार नहीं मिलता.
- जवानी में जिस परिवार का पेट भरने के लिए एक वेश्या अपनी आबरू नीलाम कर देती है. बूढ़ापे में दो रोटी के लिए भी वो अपने परिवार की मोहताज हो जाती है.
- दूसरा कोई काम नहीं आता जिसके चलते बूढ़ापे में वेश्याएं दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो जाती है. कई वेश्याओं के पास भीख मांगने के अलावा और कोई चारा ही नहीं बचता.
- बूढ़ापे में कुछ वेश्याएं कमसीन लड़कियों का सौदा करके अपना पेट पालती हैं लेकिन कई ऐसी होती हैं जिनका बूढ़ापा अंधकार में डूब जाता है. क्योंकि न समाज उन्हें अपनाता है और ना परिवार.