देश में बदलाव की नई हवा बहने लगी है.
उत्तर प्रदेश में जनता ने मोदी पर विश्वास दिखा दिया है.
साथ ही साथ बीजेपी ने जिस तरह से रिकॉर्ड बनाया है उसको देखकर साफ़ हो गया है कि अबप्रदेश में राम मंदिर का बनना तय हो गया है. जहाँ एक तरफ देश की जनता राम मंदिर की तरफ देख रही है वहीँ दूसरी तरफ बीजेपी के लिए समस्या यह है कि उत्तर प्रदेश के मुसलमानों ने भी बीजेपी को जीताने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
प्रदेश में कुछ 100 मुस्लिम सीटें हैं और इन सीटों में से बीजेपी को 70 के आसपास की सीटें मिलती हुई दिख रही हैं. ऐसे में अब अगर बीजेपी को मुस्लिम इलाकों के आधे से अधिक सीटें मिल रही हैंतो इसका सीधा सा अर्थ है कि मुस्लिम जनता बीजेपी के विकास पर अब विश्वास दिखा रही हैं.
तो आइये पढ़ते हैं कि आखिर क्यों यूपी चुनाव में बीजेपी को मुस्लिम वोट मिला हैं-
बीजेपी को मुस्लिम वोट –
उत्तर प्रदेश में कई मुस्लिम इलाके ऐसे हैं जहाँ मुस्लिम जनसँख्या 70 प्रतिशत से अधिक है और यहाँ बीजेपी को जीत मिल गयी है. ऐसे में साफ है कि मुस्लिम महिलायें अब अमित शाह और मोदी को इसलिए वोट दे रही हैं क्योकि वह तीन तलाक से आजादी चाहती हैं. तीन तलाक पर अगर देश की कोई पार्टी कुछ कर सकती है तो वह बीजेपी ही है. इसलिए मुस्लिम महिलाओं ने छुपकर ही सही किन्तु मोदी को विजयी बनाया है.
वहीँ दूसरी तरफ मुस्लिम युवा भी मोदी से यही बोल रहा है कि अब मोदी जी मुस्लिम युवाओं पर भी भरोसा दिखायें और इनके लिए नौकरी की व्यवस्था करें. मुस्लिम युवाओं को दिखने लगा है कि देशकी अन्य पार्टियाँ मुस्लिम को सिर्फ वोट बैंक समझती हैं और मोदी ही एक ऐसा नेता है जो युवाओं को विकास के बेहतर मौके दे सकता है.
उत्तर प्रदेश में अगर मुस्लिम लोगों ने मोदी को वोट दिया है तो वह इस बात से यह साबित करना चाहता है कि अब मुस्लिम कट्टरता को देश से खत्म करना चाहता है. हिन्दू मुस्लिम एकता के लिएमुस्लिम समुदाय ने एक कदम आगे बढ़ा दिया है और अब हिन्दुओं की बारी है कि वह भी मुस्लिम जनता को गले से लगा ले.
उत्तर प्रदेश में मुस्लिम जनता ने इसलिए वोट दिया है क्योकि वह यह साबित करना चाहता है कि अब मुस्लिम कोई वोट बैंक नहीं हैं. मुस्लिम अब अपनी सूझबूझ के दम पर वोट देना सीख चुका है.कोई मुस्लिम जनता को वोट के लिए अब बहका नहीं सकता है. विकास के लिए अब मुस्लिम सजग होते जा रहे हैं.
मुस्लिम जनता ने अगर इस बार साल 2017 में भारतीय जनता पार्टी को वोट दिया है तो इसका सीधा-सा एक कारण है कि अब देश का मुस्लिम वर्ग भारत का विकास चाहता है. मुस्लिम वर्ग चाहताहै कि नोटबंदी जैसे और कानून बनें और देश को किसी भी तरह बस मोदी विकास की राह पर ले जाएँ. मुस्लिम जनता मोदी की दुश्मन नहीं बल्कि दोस्त बनना चाहती है ऐसा इस बार उत्तर प्रदेशचुनाव में सिद्ध हो गया है.
कुल मिलाकर देखा जाए तो मुस्लिम जनता अब मोदी से उम्मीद कर रही है वह मुस्लिम समाज के लिए निश्चित रूप से कुछ अच्छा करेंगे. खासकर मुस्लिम महिलायें बीजेपी सरकार से तीन तलाक सेस्वतंत्रता की उम्मीद अब करने लगी हैं. यही कारण हैं कि इस बार मोदी को मुस्लिम वोट मिला है – मुस्लिम समाज ने बीजेपी और मोदी पर विश्वास दिखाया है.
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