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5 कारण क्यों किया जाता है महिलाओं का ’गुप्तांग खतना’, क्यों नहीं रोक लगती इस बुराई पर

सालों से प्रथा और रीति-रिवाजों के नाम पर ‘महिला गुप्तांग खतना’ चलता आ रहा है.

यह एक दर्दनाक प्रथा है जो सालों से महिलाओं का शोषण करती हुई आ रही है. अरब के देशों में तो छोटी छोटी मासूम बच्चियों के साथ यह कार्य कर दिया जाता है. धार्मिक प्रथा में अंधे माँ-बाप भी इस दर्द का एहसास नहीं कर पा रहे हैं.

कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया कि बच्ची की माँ अपनी बेटी से यह कहती है कि “आज तुम महिला बनने वाली हो. यह बहुत जरुरी है.” और तभी चार महिलायें इस सात साल की बच्ची को पकड़ लेती हैं. एक स्त्री ब्लेड से ही उसके गुप्तांग एक अंग काट देती है. यह एक दर्दनाक कहानी है. इस दर्द से बच्ची कुछ एक सप्ताह तक परेशान रह सकती है. उसे बुखार आ सकता है. लेकिन आज भी सभी को लगता है कि इसके बिना जैसे कोई महिला अधूरी रह जाएगी.

वैसे महिला गुप्तांग खतना के पीछे कुछ कारण बतायें जाते हैं तो आइये देखते हैं कि क्यों जरुरी बताया जाता है ‘महिला गुप्तांग खतना’

1.     यह सेक्स की अधिकता को रोकता है

सबसे बड़ी वजह’ महिला गुप्तांग खतना’ की यही होती है. कोई भी लड़की जब बड़ी होती है तो उसमें सेक्स की इच्छा बहुत जल्दी ना उठ जाए. इस वजह के महिला का गुप्तांग खतना किया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के अनुसार 100 से 140 मिलियन (दस लाख) लड़कियाँ एवं महिलाएँ किसी न किसी प्रकार के परिच्छेदन से गुज़र चुकी हैं.

2.     गर्भाशय कैंसर से बचाता है यह

अब इस बात पर समझ नहीं आता है कि यकीन किया जाये या नहीं किया जाये लेकिन जो लोग महिला खतना के पक्ष में है उनके अनुसार खतना के बाद महिलाओं में खतने के बाद 20 प्रतिशत तक गर्भाशय कैंसर के चांस कम हो जाते हैं.

3.     खतना एड्स की रोकथाम के लिए जरुरी

एक और बड़ा अजीब सा जो खतने का लाभ बताया जाता है वह यह है कि खतना एड्स को रोकता है. इस रिपोर्ट के बाद तो अमेरिका और यूरोप के कई देशों में महिला गुप्तांग खतना की बाढ़ ही आ गयी. कई पढ़ी-लिखी और सम्माननीय संस्थायें भी खतने के समर्थन में आ गयी हैं. लेकिन खतने के दर्द को शायद ही ये संस्थायें समझ पा रही हैं.

4.     महिला बनने के लिए जरुरी है खतना

कुछ देश कहते हैं कि बिना खतना कोई भी लड़की महिला नहीं बन सकती है. महिला बनने के लिए खतना बेहद अहम् है. साथ ही साथ खतने से समाज में सुरक्षा का भाव भी बढ़ता है. महिला में ज्यादा सेक्स की इच्छा नहीं पनपती है.

5.     धर्म में लिखा है और हम धार्मिक हैं

आज भी दुनिया भर के लोग कहते हैं कि महिला गुप्तांग खतना, धर्म में लिखा गया है. इसलिए यह बेहद जरुरी होता है. और अगर हमारी लड़कियां खतना नहीं करेंगी तो वह धार्मिक नहीं हो पायेंगी. सदियों पहले धर्म में ना जाने कहाँ इस दर्द को जगह दी गयी थी. शायद हो सकता है कि उस समय की परिस्थितियां दूसरी रही हों. लेकिन धर्म के नाम पर इस दर्द को आज तक साथ लेकर चला जा रहा है.

आज हमें सोचना होगा कि क्या हम इस बुराई को खत्म कर सकती हैं?

क्योकि पुरुष खतने की तुलना में यह बहुत ज्यादा दर्दनाक रहता है. इस दर्द को आज हम समझ नहीं पा रहे हैं. ऊपर जो वजह हमने बताई हैं यही कुछ खतने के समर्थन में बोलने वाले बताते हैं. लेकिन यह वजह महिला गुप्तांग खतने को समर्थन देने के लिए खोखली हैं.

वक़्त आ गया है जब इस बुराई का सभी को खुलकर विरोध करना चाहिए.

Chandra Kant S

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Chandra Kant S

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