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जो लोग ये 4 काम करते है उनकी मृत्यु जल्द हो सकते है !

शास्त्रों में इस बात का वर्णन साफ तौर पर किया गया है कि मनुष्य की मृत्यु उसके जन्म के समय हीं निर्धारित कर दी जाती है.

सामान्य तौर पर किसी भी मनुष्य की मृत्यु की भविष्यवाणी कर पाना लगभग असंभव सा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी विशेष ज्योतिषाचार्य के द्वारा भी मृत्यु की भविष्यवाणी के तौर पर दिन और समय बता पाना संभव हो सकता है. परंतु सटीक समय बता पाना किसी के लिए भी संभव नहीं है.

इस बारे में आचार्य चाणक्य का कहना है कि, कुछ ऐसे कार्य हैं जिसके करने से किसी भी मनुष्य की मृत्यु जल्द होने की संभावना बढ़ जाती है.

आइए जानते हैं कौन से हैं वो कारण जिन से मनुष्य को दूर रहना चाहिए

1. स्वयं से शत्रुता

हममें में से ज्यादातर लोगों की आदतों में शुमार होता है कि हम खुद की केयर नहीं करते. खुद हीं अपना अनादर करते रहते हैं. अपने खुद के शरीर का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखते. खान – पान में असावधानी बनाए रखना हमारी आदत हो जाती है. इन कारणों से हम खुद को मृत्यु के करीब ले आते हैं. इसलिए कभी भी स्वयं की आत्मा से द्वेष नहीं करनी चाहिये.

2. अकारण विद्वानों और सिद्ध महापुरुषों से द्वेष

जो लोग बिना किसी कारण विद्वानों कौर सिद्ध महापुरुषों से द्वेष करता है तो उसका नाश होना भी निश्चित हो जाता है. कभी भी बिना किसी ठोस कारण किसी सिद्ध महापुरुषों से या फिर किसी विद्वानों से शत्रुता या फिर उनके प्रति अपने मन में द्वेष की भावना नहीं पालनी चाहिए. ऐसा करने पर सिर्फ अकेले उस मनुष्य का नाश नहीं होता बल्कि उसके पूरे परिवार का नाश होना तय माना जाता है.

3. राजा या शासकीय कर्मचारी से द्वेष

किसी राजा, शासकीय कर्मचारी या फिर किसी अधिकारी से द्वेष करना भी मनुष्य के नाश का कारण बन सकता है. इसलिए किसी भी व्यक्ति को इन संबंधों में पूरी तरह सावधान रहना चाहिए.

4. शत्रु से द्वेष

कभी भी इस बात का ध्यान रखें कि शत्रु से दुश्मनी या द्वेष की भावना पालने से धन की हानि होती है. और जान का जोखिम भी उठाना पड़ता है. अकारण ऐसे व्यक्ति से द्वेष करने पर मनुष्य का सर्वनाश होना तय हो जाता है.

दोस्तों आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कभी भी, किसी भी व्यक्ति से खासकर किसी ब्राह्मण से अकारण द्वेष करने पर कुल का हीं नाश होता है. इसलिए मनुष्य को अपने जीवन में कभी भी, किसी भी व्यक्ति से किसी तरह की शत्रुता और द्वेष की भावना मन में नहीं पालनी चाहिए. यहां तक की खुद की अंतरात्मा से भी दुश्मनी पालना मनुष्य के लिए भारी पड़ जाता है. अंतरात्मा से दुश्मनी का अर्थ है कि आप अपने शरीर का पूरी तरह से ध्यान रखें, जिससे आपका स्वास्थ्य अच्छा बना रहे. नहीं तो अगर स्वास्थ बिगड़ता है तो मनुष्य की मृत्यु निश्चित तौर पर जल्द होने की संभावना बढ़ जाती है.

ये है मनुष्य की मृत्यु की वजहें – दोस्तों ये 4 ऐसे कार्य हैं जिसे करने से मनुष्य की मृत्यु जल्द होने की संभावना बढ़ जाती है. और इन कार्यों को नहीं करने से मनुष्य का जीवन शांतिपूर्ण व्यतीत होता है. और खुशी – खुशी अपनी जिंदगी गुजारता हुआ मृत्यु लोक को जाता है.

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