धरती पर जन्म लेने का मकसद – हम सभी का जन्म किसी ना किसी मकसद से हुआ है और उस मकसद को पूरा करने के लिए हम अपने जीवन में ना जाने कितनी ही चीज़ों से गुज़रते हैं।
आपको याद होगा कि भगवान ने भी धरती पर किसी ना किसी मकसद से जन्म लिया था।
पौराणिक कथाओं के अनुसार श्रीराम ने रावण के वध और धर्म की स्थापना के लिए मानव अवतार में जन्म लिया था तो वहीं श्रीकृष्ण ने अधर्म के नाश के लिए जन्म लिया था। इसी प्रकार हमारा जन्म भी किसी ना किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए हुआ है। हम ईश्वर जितने महान तो नहीं हैं कि इतने बड़े मकसद के लिए हमारा जन्म हुआ हो लेकिन हर किसी के आने की एक वजह होती है।
धरती पर जन्म लेने का मकसद – जिंदगी का एक ही है मकसद
आपको बता दें कि हम सभी के जीवन का एक ही मकसद है और वो है कर्म करके अपने लिए मोक्ष पाना। ये है धरती पर जन्म लेने का मकसद –
आप तो जानते ही हैं कि मोक्ष पाना इतना आसान नहीं है। इसके लिए सालों तक कठोर तपस्या और व्रत करने पड़ते हैं तब कहीं जाकर मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऋषि-मुनि के जीवन का तो मकसद ही मोक्ष पाना होता है लेकिन हम जैसे सांसारिक सुखों का लोभ रखने वाले इंसानों को मोक्ष मिलना कोई आसान बात नहीं है।
इसी वजह से हमारा जीवन कठिन होता है। हमारे जीवन में हमे कई अवसर भी मिलते हैं और दुख भी। अगर हम दुराचार करते हैं और दूसरों का शोषण या उन पर अत्याचार करते हैं तो हमे मोक्ष मिलना कठिन नहीं बल्कि असंभव हो जाता है लेकिन अगर हम अपने जन्म में दयालु होते हैं और जरूरतमंदों की सहायता करते हैं और सात्विक जीवन का पालन करते हैं तो हमे मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।
अगर किसी व्यक्ति को अपने कुकर्मों के कारण मोक्ष नहीं मिल पाता है तो उसे अगला जन्म लेकर फिर से प्रयास करना पड़ता है और इसी तरह जीवन-मरण का खेल चलता रहता है। इस तरह इंसान को जीवन के चक्र से मुक्ति नहीं मिल पाती है और वो बार-बार मोक्ष की तलाश में जनम लेता रहता है।
क्या करें अपने मकसद को पूरा करने के लिए
धरती पर जन्म लेने का मकसद – अगर आप अपने जीवन के मकसद यानि मोक्ष की प्राप्ति चाहते हैं तो आपको सत्कर्मों का पालन करना होगा। दूसरों पर अत्याचार नहीं करें और ना ही किसी का शोषण करें। जरूरतमंदों की सहायता करें और धन से ज्यादा प्रेम और मानवता पर भरोसा करें।
अगर आप अपने जीवन में इन बातों का अनुसरण करते हैं तो आपको मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही ईश्वर की भक्ति से भी मोक्ष मिल सकता है लेकिन वो रास्ता बहुत कठिन होता है। वैसे तो गृहस्थ जीवन में रहना भी कठिन होता है किंतु ये तो प्रकृति का नियम है। मंजिल एक ही है लेकिन रास्ता आपको चुनना है। आप चाहें तो सब कुछ त्याग कर सन्यास लेकर मोक्ष की तलाश कर सकते हैं या फिर गृहस्थ जीवन को सफल बनाकर एक अच्छे इंसान बनकर स्वयं को जीवन-मरण से मुक्ति दिला सकते हैं। यही जीवन की कला है जो आपको सीखनी है।