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एक पायजामे ने दिलाई थी अंग्रेजों से आज़ादी- आज होगा सबसे बड़े राज़ का पर्दाफाश!

15 अगस्त 1947 को हमारा देश आज़ाद हुआ था.

क्या आप जानते है कि भारत को आज़ादी किसने दिलाई थी?

आप कहेंगे महात्मा गाँधी, भगतसिंह,चंद्रशेखर आज़ाद जैसे स्वतंत्रता सेनानियों ने दिलवाई.

लेकिन आज हम आपको एक अँगरेज़ और एक भारतीय के बीच  हुई बातचीत के अंश बताने जा रहे है.

इस बातचीत से आपको पता चलेगा कि आज़ादी की वजह किसी का बलिदान नहीं बल्कि एक पायजामा था.

जी हाँ एक पायजामा.

लेकिन आखिर ऐसा क्या था उस पायजामे में जो अँगरेज़ डर कर भारत छोड़कर चले गए.

तो आपको ले चलते है उस समय में जब भारत अंग्रेजों का गुलाम था और तब किसी अज्ञात स्थान पर एक अँगरेज़ और एक भारतीय के बीच एक ऐसी बातचीत हुई जिसके बाद अँगरेज़ सिर पर पैर रखकर भाग गए थे.

वो एक तूफानी रात थी. तेज़ बारिश हो रही थी ऐसे में एक अँगरेज़ अधिकारी एक भारतीय के घर में बारिश से बचने के लिए पनाह लेता है.

हिन्दुस्तानी व्यक्ति बारिश में कांपते अँगरेज़ को कपडे बदले को कहता है और उसे एक सूखा साफ़ और सफ़ेद पायजामा देता है.

ना उस भारतीय ने, ना उस अँगरेज़ ने ये कभी सोचा था कि ये पायजामा अंग्रेजी हुकुमत के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा.

उन दोनों के बीच जो बात हुई वो कुछ ऐसी थी….

अंग्रेज़ अधिकारी :  ये जो सफ़ेद देसी पैंट तुमने मुझे दिया वो कितने दिन चल जाता है?

हिन्दुस्तानी :  ज्यादा नहीं बस यही कोई एक साल तक पहनता हूँ.

उसके बाद मेरी पत्नी इस पायजामे को काट कर मेरे बेटे की साइज़ का बना देती है.

फिर राजू इसे एक साल पहनता है.

उसके बाद मेरी पत्नी इस पायजामे को फिर से काट कर तकियों के कवर बना देती है जो एक साल तक चल जाते है.

उसके बाद इस पायजामे के बने कवर को धुल झाड़ने और साफ़ सफाई के काम में इस्तेमाल करते है.

अंग्रेज़ अधिकारी :  इम्प्रेसिव… इतने सालों तक इस्तेमाल. उसके बाद तो तुम इसे फेंक ही देते होगे.

हिन्दुस्तानी :  पागल हो क्या इतनी जल्दी कहाँ फेकेंगे अभी तो इसका आधा इस्तेमाल ही हुआ है.

पौंचा बनाने के बाद ६ महीने मैं इस कपडे एस अपने जूते  साफ़ करता हूँ. उसके बाद 6 महीने अपनी गाडी को इसी कपडे से साफ़ करता हूँ

ये सब करने के बाद इस पायजामे के कपडे की गेंद बनाकर मेरे बच्चे क्रिकेट खेलते है. गेंद जब फट जाती तो उस बचे कुचे कपड़े को चूल्हे में डाल कर खाना पकाते है.

अंग्रेज़ अधिकारी : (अपना पसीना पौंचते हुए ) चलो आखिर पायजामे का काम खत्म हुआ.

हिन्दुस्तानी : सरकार अभी कहाँ? चूल्हे में इस पायजामे को जलाने के बाद जो राख बनती है उसका इस्तेमाल हम बर्तन मांजने और हाथ धोने के लिए करते है.

जिस राख से आप हाथ धो रहे है ये मेरे दादा के पायजामे की ही राख है.

बस इतना सुनना था कि अंग्रेज़ चक्कर खा गया और उस तूफानी रात में ही अपनी मोटर लेकर निकल गया और सीधा इंग्लैंड जाकर ही रुका.

तो देखा आपने भारत की आज़ादी के पीछे छुपा राज.

मज़ा आया कि नहीं ? वैसे ये सिर्फ आपके मनोरंजन के लिए था. असल में हमें आज़ादी मिली हजारों लोगों की शहादत के बाद.

चलिए अब आप भी जल्दी से बताइए पायजामे के कुछ अनूठे उपयोग कमेंट्स में.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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