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आतंकवाद का असली चेहरा जब तक छुपा रहेगा, आतंकवाद मुक्त विश्व एक सपना ही रहेगा!

आतंकवाद आज के समय की सबसे बड़ी समस्या है.

दुनिया का शायद ही कोई देश ऐसा होगा जो आज इस समयसा से नहीं जूझ रहा हो.

हर रोज़ हम देखते है कभी ISIS कभी तालिबान अल कायदा या फिर किसी और नाम से आतंकवाद का चेहरा.

क्या कभी सोचा है कि क्यों आतंकवाद हर उम्र और हर तबके के लोगों को आकर्षित करता है? पढ़े लिखे से लेकर अनपढ़ लोग, बड़ी उम्र के अनुभवी से लेकर किशोर और बच्चे. आज कोई भी आतंकवाद के शिकंजे से नहीं बचा है.

प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष हर रूप में आज आतंकवाद अपना फन पूरी दुनिया में फैला रहा है. क्या आपको पता है आतंकवाद के पीछे का असली सच ?

आइये आज आपको बताते है आतंकवाद का असली चेहरा.

विकसित देश

सुनकर आश्चर्य होगा पर दुनिया में अलग अलग हिस्सों में फैले आतंकवाद के पीछे कहीं ना कहीं किसी बड़े और विकसित देश का हाथ या समर्थन होता है.

चाहे अमेरिका हो या रूस हो या चीन. सब देश सामने से भलें ही आतंकवाद का खत्म करने की बात कहते हो पर पीछे से आतंकवाद को पैदा करने से लेकर पनाह देने तक का काम करते है.

 धार्मिक गुरु/संस्थाएं

मार्क ट्वेन ने कहा था कि धर्म की शुरुआत तब हुई जब दुनिया का पहला जालसाज़ दुनिया के पहले मूर्ख से मिला था. मार्क की कही ये बात तब भी सही थी और आज भी सही है.

अगर हम गौर से समझे तो ये जानेंगे कि हर तरह के आतंकवाद की जड़ें कहीं ना कहीं धार्मिक कट्टरता से जुड़ी है. धर्म के नाम पर बहका कर किसी को भी एक साधारण इंसान से दुर्दांत आतंकी बनाया जा सकता है. इसका प्रमाण आज भारत पाकिस्तान सीरिया और अन्य देशों में देखे जा रहे धार्मिक आतंकी है.

कॉर्पोरेट

 चौंक गए ना? व्यापार और आतंकवाद का क्या रिश्ता? लेकिन अगर येकहा जाए कि इन दोनों में बहुत गहरा रिश्ता है तो? व्यापार के लिए आतंकवाद उतना ही ज़रूरी है जितना आतंकवाद के लिए व्यापार.

तेल, खनिज, प्राकृतिक संसाधन सब पर अगर पूरी तरह काबू करना है तो बस एक ही तरीका है. एक हाथ से उस जगह आतंकवाद को पनाह दो और अस्थिरता लाकर सब कुछ औने पौने भाव में खरीद लो.

इसके अलावा हथियार के सौदागरों के लिए तो जब तक आतंकवाद नहो होगा तब तक व्यापार नहीं होगा. दुनिया के बड़े बड़े कॉर्पोरेट जो ना सिर्फ दुनिया के बड़े बड़े देशों को कठपुतली बनाकर रखते है बल्कि आतंकी संगठनों को भी अपनी उँगलियों पर नाचते है.

राजनेता

अपराध और राजनीति हाथ थाम कर चलते है.ये बात किसी से छुपी नहीं है. जब बात आतंकवाद और दहशतगर्दी की आती है तो क्षेत्रीय राजनीति से लेकर अंतर्राष्ट्रीय राजनीति काम करती है.

जैसा कि कहा जाता है की रूस को अफ़ग़ानिस्तान से खदेड़ने के लिए अमेरिका ने ही अल कायदा को बनाया था और आगे जाकर वही अलकायदा अमेरिका के लिए मुसीबत बन गया. इसी प्रकार भारत पाकिस्तान या दुनिया के अन्य देशों में आतंकवाद के तेज़ी से फैलने की वजह यही है कि कहीं ना कहीं आतंकवाद को राजनैतिक समर्थन भी प्राप्त है.

देखा आपने आतंकवाद का असली चेहरा…

हमारे सामने जो दीखता है वो बस एक मुखौटा भर है असल में आतंकवाद की जड़ें व्यापार,धर्म और राजनीति में समायी है. और ये बात हम सब जानते है कि इनमें से कोई भी चीज़ ना ही साफ़ होने वाली ना ही नष्ट इसलिए आतंकवाद मुक्त विश्व एक सपना था और एक सपना ही रहेगा.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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Yogesh Pareek

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