कॉर्पोरेट
चौंक गए ना? व्यापार और आतंकवाद का क्या रिश्ता? लेकिन अगर येकहा जाए कि इन दोनों में बहुत गहरा रिश्ता है तो? व्यापार के लिए आतंकवाद उतना ही ज़रूरी है जितना आतंकवाद के लिए व्यापार.
तेल, खनिज, प्राकृतिक संसाधन सब पर अगर पूरी तरह काबू करना है तो बस एक ही तरीका है. एक हाथ से उस जगह आतंकवाद को पनाह दो और अस्थिरता लाकर सब कुछ औने पौने भाव में खरीद लो.
इसके अलावा हथियार के सौदागरों के लिए तो जब तक आतंकवाद नहो होगा तब तक व्यापार नहीं होगा. दुनिया के बड़े बड़े कॉर्पोरेट जो ना सिर्फ दुनिया के बड़े बड़े देशों को कठपुतली बनाकर रखते है बल्कि आतंकी संगठनों को भी अपनी उँगलियों पर नाचते है.